गड़हनी-भोजपुर ::–
बबलू कुमार-
22 जनवरी 2020
बुधवार
भोजपुर के गड़हनी ब्लॉक मैदान में इंसाफ मंच भाकपा माले ने CAA, NPR और NRC के खिलाफ संविधान बचाओ – देश बचाओ – नागरिकता बचाओ जन एकता सम्मेलन किया।
सम्मेलन में सैकड़ों की संख्या में अपने मुल्क, उसके संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए आम-अवाम शामिल हुए। सम्मेलन की शुरुआत जनकवि निर्मोही द्वारा गीत व अदीब रजा नज्म पढ़ा कर किया गया।
भाकपा – माले राज्य कमिटी सदस्य व प्रखंड सचिव नवीन ने सभी अतिथियोंको मंच पर बुलाया और गड़हनी के प्रतिष्ठित नागरिकों और उपप्रमुख असलम ने मो सलीम को शाॅल से सम्मानित किया। माले जिला सचिव काॅ जवाहर और अन्य नेताओं को गमछा से स्वागत किया। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए इंसाफ मंच के राष्ट्रीय संयोजक व भाकपा माले केंद्रीय कमेटी सदस्य कॉमरेड सलीम ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में जनता सरकार को चुनती है लेकिन CAA, npr और nrc का संघी प्रोजेक्ट सरकार को नागरिक चुनने की आज़ादी दे देगी। यह लोकतांत्रिक देश मे सम्भव नही है, यह पूरी तरह तानाशाही प्रोजेक्ट है।
कॉमरेड सलीम ने कहा कि मोदी-अमितशाह झूठ बोल रहे हैं कि तीनों अलग अलग चीजें हैं। यह सबसे बड़ी झूठ है।सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि caa, npr और nrc जरिये यह सरकार यह अधिकार हासिल कर लेना चाहती है ताकि वह मनमाफिक वोटर और नागरिक बना सके। जो उनके खांचे में में नही फिट होगा उसे संदिग्ध नागरिकता की सूची में डाल दी जाएगी। निर्दयी और भ्रष्ट नौकरशाही को जनता की नागरिकता से खेलने का अधिकार मिल जाएगा। इस प्रक्रिया में सब प्रभावित होंगे खासकर दलित, गरीब और वंचित जमात के लोग। जिस तरह से उन्हें बीपीएल सूची, राशन सूची से बाहर रखा जाता है, उसी तरह उन्हें नागरिकता से भी बाहर रखा जाएगा। और फिर उनसे गुलामों की तरह काम लिया जाएगा और नागरिक अधिकारों से वंचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तत्काल एनपीआर रुकनी चाहिए क्योंकि यही एनआरसी का प्राथमिक आधार डेटा बनेगा।

उन्होंने कहा कि बर्बर दमन, गिरफ्तारी और मुकदमे के जरिये सरकार लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाना चाहती है जो सफल नही होगा। जुल्म जितना बढ़ेगा,प्रतिरोध उतना ही प्रबल होगा।
सम्मेलन को भाकपा – माले केंद्रीय कमिटी सदस्य व इनौस राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंज़िल ने कहा कि नीतीश जी संविधान व धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों की रक्षा का दावा करते हैं, लेकिन उनका यह दावा पूरी तरह तार-तार हो चुका है. सीएए-एनआरसी-एनपीआर एक ही पैकेज प्रोग्राम है. यह नहीं चल सकता कि आप एनआरसी के खिलाफ हों और सीएए का समर्थन कर रहे हों. एनपीआर पर उन्होंने चुपी साध रखी है. बिहार की जनता उनसे जवाब चाहती है कि आखिर उन्होंने संसद में सीएए का समर्थन क्यों किया?
बिहार विधानसभा से पहलकदमी लेते हुए नीतीश जी सीएए-एनआरसी-एनपीआर को लागू न करने का प्रस्ताव पारित करवाने के बजाये इसके खिलाफ हो रहे आनोदलों पर केंद्र और उत्तर- प्रदेश के सरकार के तरह बर्बर पुलिसिया हमला कर रहें हैं। इस करवाई से उनका चेहरा उजागर हुआ है।

सम्मेलन को इंसाफ मंच के राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी-अमित शाह की सरकार न केवल संविधान को तहस नहस कर रही है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को आईसीयू में पहुंचा दिया है। इतनी मंहगाई और बेकारी देश कभी नही देखा था। आज नौजवानो को रोजगार के लिए अपनी जाने गवानी पड़ रही है।
सम्मेलन की अध्यक्षता भाकपा राम छपित राम ने की जबकि जिला नेता संचालन और वक्तव्य मनोज मंजिल ने दी। सम्मेलन को रघुवर पासवान, मुमताज अंसारी (राज्य उपाध्यक्ष इंसाफ मंच) मंजूर साहेब, अमीन भारती ने सम्बोधित किया।
इस सम्मेलन में मंच पर मौजूद काॅ जवाहर, का0 उप मुखिया कलावती देवी, खुश्बू जहां, रामायण यादव, नईम, मीरे जी मुख्य रूप से थे।
सम्मेलन में उपस्थिति इनौस जिला संयोजक शिवप्रकाश रंजन, माले जिला कमिटी सदस्य शिवमंगल यादव, सहार सचिव उपेन्द्र भारती, शीला, आइसा नेता उज्ज्वल भारती, एसबी कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष सुधीर, इनौस नेता सोनू , धनकिशोर , हरिनारायण आदि थे।