बेगूसराय ::–
विजय कुमार सिंह ::–
05 नवंबर 2020, गुरुवार
आधुनिक हिंदी साहित्य में प्रगतिशील काव्य धारा के प्रमुख कवि बाबा नागार्जुन की 22 वीं पुण्यतिथि शाहिद सुखदेव सिंह समन्वय समिति के तत्वाधान में सुखदेव सभागार, सर्वोदय नगर, बेगूसराय में मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने की।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हिंदी एवं मैथिली साहित्य के आधुनिक काल में प्रगतिशील धारा के प्रमुख रचनाकार बाबा नागार्जुन के काव्य एवं कथा साहित्य में समान रूप से योगदान रहा है। राष्ट्रवादी रचना और सामाजिक संघर्षशीलता के कारण उन्हें आधुनिक कवि का सम्मान प्राप्त हुआ है।
इस अवसर पर पूर्व मेयर आलोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि बाबा नागार्जुन रूढ़िवादी, विचारधारा के घोर विरोधी थे। उन्होंने अपना सपाट काव्य रचनाओं के माध्यम से तत्कालीन भारतीय समाज का चित्र खींचा है। वह कबीर की तरह ही अपनी रचनाओं में व्यंग भरा है। वह हिंदी मैथिली के साथ ही संस्कृत के संस्कारी कवि के रूप में भी मुखर हुए।
साहित्यकार डॉ0 चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि बाबा नागार्जुन बहूअयामी प्रतिभा के धनी साहित्यकार थे। जमुना कवि प्रकृति से घूमकर और विचार के मार्क्सवादी थे। उनके व्यक्तित्व में ठेठ देशी संस्कार रचे बसे थे। उनकी रचनाओं से गांव की सोंधी गंध आती है। ग्रामीण किसान मजदूर इस तरह की भाषा समझते और बोलते हैं। उसका निखरा हुआ काव्यात्मक रूप झलकता है। वह सच्चे अर्थों में भारतीय युग धारा के कवि थे।
जेपी सेनानी के प्रदेश महासचिव डॉ शैलेंद्र कुमार सिंह, हिंदी शिक्षिका डॉ ललिता कुमारी, महिला सेल सचिव सुनीता देवी, छात्र अनिकेत कुमार पाठक, ज्ञान चंद्र पाठक, अधिवक्ता राजेंद्र महतो, आसमा कुमारी आदि ने उनको याद किया।

