बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
क्रांतिकारी नागार्जुन की 111वीं जयंती शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति द्वारा सुखदेव नगर, सर्वोदय नगर स्थित सुखदेव सभागार में मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने की।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि हिंदी व मैथिली साहित्य के आधुनिक काल में प्रगतिशील धारा के प्रमुख रचनाकार बाबा नागार्जुन के काव्य एवं कथा साहित्य में समान रूप से योगदान रहा है। उदारवादी व्यक्तित्व राष्ट्रवादी रचना और सामाजिक संघर्ष चिंता के कारण उन्हें आधुनिक कबीर का सम्मान प्राप्त हुआ है। ऐसे महान पुरुष को मेरा शत-शत नमन।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि नगर निगम के पूर्व मेयर आलोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि कबीर का सम्मान पाने वाला बाबा नागार्जुन स्वाधीन भारत के प्रतिनिधि जनक जनकवि के रूप में पहचाने जाते हैं। उनका मूल नाम वैद्यनाथ मिश्र था। मैथिली साहित्य में हुए यात्री जी नाम से लिखते थे। उनकी रचनाओं में मिथिला का गांव घर रक्त वाहिनी शेरों की तरह फैला हुआ है ।ऐसे महान पुरुष को मैं शत-शत नमन करता हूं।
महिला सेल की सचिव सुनीता देवी ने कहा कि बाबा नागार्जुन का जन्म दरभंगा, बिहार में हुआ था। उनका वास्तविक नाम बैजनाथ मिश्र था। जो प्रगतिशील लेखक और कवि थे। ऐसे महान पुरुष को मेरा सत सत नमन।
इस अवसर पर बबलू आनंद कलाकार जिला अध्यक्ष ने कहा कि बाबा नागार्जुन रूढ़िवादी विचारधारा के घोर विरोधी थे। उन्होंने अपनी सपाट काव्य रचनाओं के माध्यम से तत्कालीन भारतीय समाज का चित्र खींचा है। वह कबीर की तरह ही अपनी रचनाओं में व्यंग भरा करते थे ऐसे महान पुरुष को मेरा शत-शत नमन।
इस अवसर पर साहित्यकार डॉ चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि बाबा नागार्जुन प्रतिमा के धनी साहित्यकार थे। वह जनमानस कवि प्रकृति और विचार से मार्क्सवादी थे।
इस अवसर पर इंजीनियर आलोक कुमार ने कहा कि नागार्जुन बिहार की धरती से जुड़े हुए स्वतंत्रा सेनानी ने अपनी कविताओं के माध्यम से बिहार की जनता को प्रेरणा देते थे।
इस अवसर पर जेपी सेनानी के जिला अध्यक्ष राजेंद्र महतो अधिवक्ता , राजू कुमार राजा भाजपा उपाध्यक्ष बछवारा, चंद्र प्रकाश शर्मा कलाकार आदि ने अपना विचार व्यक्त किया।