बेगूसराय ::–
विजय कुमार सिंह ::–
12 फरवरी 2021, शुक्रवार
सुरभि (रूरल डेवलपमेन्ट एन्ड वेलफेयर सोसाइटी,बेगूसराय) की नवीनतम प्रस्तुति नाटक अनहद नाद का निर्देशन जिले के प्रथम NSD स्नातक प्रसिद्ध रंग-निर्देशक हरीश हरिऔध के द्वारा किया गया।
उन्होंने कहा कि यह एक अभ्यास प्रस्तुति है। इस प्रस्तुति के माध्यम से निर्देशक उस अनुभूति कि ओर ले जाना चाहते हैं जो सिर्फ महसूस किया जा सकता है। अर्थात एक ऐसी ध्वनि जिसकी कोई सीमा ना हो जो किसी भी हद से परे हो।
रंगमंच, रंग की अभिव्यक्ति है रंगकर्म के लिए अभिनेता जिस जगह खड़ा हो जाता है वही मंच हो जाता है। इसको मानते हुए दिनकर कला भवन परिसर में रामधारी सिंह दिनकर स्मृति के समाने नाटक प्रस्तुत किया गया है। कुछ कविताएँ हमेशा प्रासंगिक होती है अतः जो कथ्य सीधी तरह दर्शकों तक पहुँच जाए उसके लिए बहुतेरे चकाचौंध की आवश्यकता नहीं होती। इसी उद्देश्य के साथ निर्देशक ने ”अनहद नाद” के माध्यम से समाज में फैली विसंगतियों को चित्रित किया है।
अभी जो इस देश में हर समय हर दिन आम लोगों का शोषण, उत्पीड़न जाति-भेद, खासकर महिलाओं का शोषण हो रहा है, इन तमाम विन्दुओं पर उक्त रचनाकारों के रचनाओं की अभिव्यक्ति को अभिनेता के माध्यम से सम्प्रेषित किया है।
नाटक में निर्देशक द्वारा विभिन्न कवियों के प्रासांगिक रचनाओं को एकत्रित कर प्रस्तुति तैयार किया गया। रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध खण्ड-काव्य रश्मिरथी के प्रथम सर्ग युवा रंगकर्मी अमरेश कुमार ने अपने अभिनय के माध्यम से दिखाया कि किसी भी व्यक्ति की पहचान जाति, गोत्र तथा बड़े वंश में पैदा लेने से नहीं बल्कि उसके कर्म, वचन, गुण और उज्ज्वल चरित्र से है। वहीं प्रणय कुमार द्वारा अभिनीत जयप्रकाश कर्दम की कविता ज़िंदगी का प्रत्येक दिन दमन और हिंसा के मुक़म्मल दौर-सा बीत जाता है। मलखान सिंह की कविता इस आदमखोर गाँव में मुझे डर लगता है बहुत डर लगता है। इसे हरिकिशोर ठाकुर द्वारा जीवंत किया गया। राजेश जोशी की कविता – जो इस पागलपन में शामिल नहीं होंगे मारे जाएंगें को रंगकर्मी इम्तियाजुल हक़ डब्लू ने अपने अभिनय से जीवंत किया तथा सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की कविता जब-जब सिर उठाया अपनी चौखट से टकराया। इन कविता को चारो अभिनेता द्वारा सम्मलित रूप से दर्शकों के सामने प्रकट किया गया।
नाटक में नगाड़ा, ड्रम, झाल के सुन्दर प्रयोग के साथ संगीत का संचालन दीपक कुमार ने किया। प्रस्तुति से पूर्व वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल पतंग, नगर निगम उपमहापौर राजीव रंजन तथा सुरभि संस्था के संस्थापक अजय कुमार भारती ने सम्मलित रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। संस्था सुरभि के सौजन्य से वरिष्ठ रंगकर्मी अवधेश द्वारा नाटक के निर्देशक हरीश हरिऔध को अंग-वस्त्र और पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सफ़ल बनाने में जिले के प्रसिद्ध युवा रंगकर्मी, फैक्ट रंगमंडल के प्रवीण कुमार गुंजन, प्लेयर्स एक्ट के चंदन कुमार सोनू तथा लालबाबू और पंकज कुमार (झंटू) का विशेष सहयोग रहा। पोस्टर डिजाइन व कार्यक्रम का संचालन दीपक कुमार ने किया। वहीं प्रकाश-व्यवस्था तथा साउंड व्यवस्था नगर इप्टा बेगूसराय का रहा।