भोजपुर (गड़हनी) —
बबलू कुमार-
31 मई 2020 रविवार
बिहार के गोपालगंज जिले के रूपनचक जनसंहार के खिलाफ भाकपा-माले के राज्यव्यापी प्रतिरोध के तहत गड़हनी सहित करीब आधा दर्जन गांव में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
गड़हनी के बर-मोहल्ला में आयोजित प्रतिरोध का नेतृत्व भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह इनौस अध्यक्ष मनोज मंजिल , भाकपा-माले राज्य कमिटी सदस्य सह गड़हनी प्रखंड सचिव नवीन कुमार व जनकवि निर्मोही ने किया।
आयोजित प्रतिशोध कार्यक्रम में माले नेताओं ने बिहार में नीतीश सरकार से मांग किया कि रूपनचक जनसंहार के साजिशकर्ता जद-यू विधायक अमरेंद्र पांडेय की विधानसभा सदस्यता खत्म कऱे। रूपनचक जनसंहार के साजिशकर्ता जद-यू विधायक अमरेंद्र पांडेय को गिरफ्तार करे। जदयू – भाजपा शर्म करे। अपराधियों का संरक्षण बंद करे, बढ़ते अपराध पर रोक लगाए। पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए रूपनचक गांव में पुलिस कैम्प बहाल करे। रूपनचक जनसंहार पीड़ित परिवार को 1 करोड़ मुआवजा और नौकरी दें। बिहार में अपराधियों का सत्ता का संरक्षण बंद कऱे आदि नारे लग रहे थे।
संबोधित करते हुए मनोज मंजिल ने कहा कि
जदयू – भाजपा संरक्षित रूपनचक जनसंहार खिलाफ राज्यव्यापी प्रतिरोध बिहार भर के तमाम जिलों में हो रहे हैं । मंजिल जी ने प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सहित कई राजद नेताओं पर लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करने के नाम पर मुकदमा थोप दिये जाने की निंदा की है। लॉक डाउन में भाजपा-जदयू के विधायको को जनसंहार रचाने की छूट मिली हुई है लेकिन इसका विरोध करने पर मुकदमा झेलना पड़ रहा है.
यदि नीतीश जी में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो वे सबसे पहले अमरेन्द्र पांडेय को पार्टी से निकालें और उनकी विधानसभा सदस्यता खारिज करवाएं. लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि आज बिहार पूरी तरह सामंती-अपराधियों के चंगुल में है और ‘सुशासन’ का नरेटिव बेनकाव हो चुका है।
भाजपा-जदयू को शर्म आना चाहिए कि उनके विधायक और पाले-पोसे गए अपराधी इस महाविकट दौर में भी लोगों की हत्या कर रहे हैं, जब लोग भूख-गरीबी और अन्य कई प्रकार की समस्यायों से जूझ रहे हैं।
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मंजूर रजा, बुद्धिजीवी जफर, ऐपवा नेत्री सलमा, संस्कृतिकर्मी अमीन भारती, जमाल, इनौस के अरशद, आदिल, दानिश, छोटे, कादिर आदि मौजूद रहे। जनकवि निर्मोही ने कुछ जनगीत भी गाये।