सारण – छपरा कार्यालय , 24 मई , रविवार ,
ब्यूरो प्रमुख – चंद्र प्रकाश राज ,
रिपोर्ट – रजनीश रंजन बाबा ,
कवरन्टीन( आवासित ) प्रवासी मजदूर की मौत के बाद हंगामा
इसुआपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र के टेढ़ा गांव के प्रवासी मजदूर 52 वर्षीय तारकेश्वर महतो की मौत की खबर मिलने पर रविवार को गांव वालों ने हंगामा किया। साथ ही प्रशासन को मौत का जिम्मेदार होना बताया। मालूम हो कि उक्त प्रवासी मजदूर कुछ दिन पूर्व दिल्ली से घर आया था। जिसे स्थानीय मध्य विद्यालय टेढ़ा कवांटराइन सेंटर में आवासित किया गया था ।जहां शुक्रवार की रात उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई। जिसे शनिवार को सदर अस्पताल छपरा ले जाया गया। जिसकी मृत्यु शनिवार की रात हो गई। जिसके बाद उसके परिजनों को सदर अस्पताल छपरा से एंबुलेंस भेजकर गांव से बुलवा लिया गया। लोगों का आरोप है कि समय रहते अगर उचित इलाज हो पाता तो उसकी जान बच जाती। वहीं टेढ़ा कवांटराइन सेंटर पर जहां वह आवासित था, उसके बेड के पास से एक्सपायरी दवा मिलने से भी लोगों में आक्रोश है। लाश का पोस्टमार्टम नहीं होने से भी लोगों में संशय तथा नाराजगी है। हालांकि अपुष्ट समाचार के अनुसार उसका ब्लड सैंपल कोरोनावायरस लिए भेजा गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 15 मई को तारकेश्वर महतो दिल्ली से अपने गावँ के अन्य 35 लोगों लोगों के साथ भारे के ट्रक से गांव आये थे।ये सभी डायरेक्ट टेढ़ा मध्यबिद्यालय क्वान्टराइन सेंटर पर ही उतरे ।जहाँ सभी को कोवान्टराइन कर लिया गया ।वहीं 17 मई को तारकेश्वर महतो को बुखार हुआ ।जिसका दवा खाने पर ठीक हो गया ।लेकिन पुनः 22 मई की रात को दम फूलने तथा उल्टी होने की शिकायत पर डॉक्टर को सूचित किया गया ।जिसके बाद डॉक्टर द्वारा उन्हें दवा दी गई ।साथ ही उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी गई ।जिसके बाद शनिवार को लगभग 12 बजे छपरा से एम्बुलेंस आई तथा उन्हें सदर अस्पताल छपरा ली गई ।चिकित्सा बिभाग द्वारा किये गए अमानवीय व्यवहार से जिला पार्षद सदस्या सह प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा मंत्री प्रियंका सिंह, जदयू अध्यक्ष छविनाथ सिंह, मुखिया धनन्जय पांडे,रामप्रकाश दास, राजकिशोर सिंह,आलोक पांडे, संजीव सिंह ,पूर्ब प्रमुख कन्हैया सिंह आदि ने इस घटना पर गहरी सम्बेदना ब्यक्त करते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है ।