बेगूसराय ::–
विजय श्री ::–
02 मई 2020 शनिवार
मई दिवस मजदूरों के उन बलिदानों का नाम है जिसने बदला जग का नक्शा उन को लाल सलाम
पहली मई 2020,
135 वां अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक श्रम दिवस जो मई दिवस के नाम से सर्वविदित है, सीटू जिला कार्यालय रणदिवे भवन कपस्या चौक बेगूसराय में कोरोनावायरस के खिलाफ संघर्षरत सीटू और सीटू से जुड़े विभिन्न ट्रेड यूनियन के नेता आवश्यक शारीरिक दूरी बनाते हुए रणदिवे भवन के प्रांगण मे वरिष्ठ सीटू नेता सुरेश प्रसाद सिंह ने मई दिवस श्रमिक संघर्ष का प्रतीक लाल झंडा का झंडोत्तोलन कर मई दिवस संकल्प समारोह कार्यक्रम की शुरुआत की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रमजीवी फुटपाथ दुकानदार नेता नोनू लाल दास ने की, जबकि संचालन बरौनी फर्टिलाइजर के अवकाश प्राप्त श्रमिक यूनियन नेता अभिनंदन झा ने किया। 135 वां मई दिवस संकल्प समारोह कार्यक्रम में शामिल विभिन्न श्रमिक संघ नेताओं को सीटू केंद्रीय कमेटी द्वारा जारी प्रतिज्ञा पत्र का शपथ दिलाते हुए सीटू राज्य सचिव एवं स्नातक निर्वाचन क्षेत्र दरभंगा के प्रस्तावित विधान परिषद उम्मीदवार अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि श्रमिक वर्ग ही है जो खेत खलिहान से लेकर कल कारखाना, थल जल वायु परिवहन, दूरसंचार, मीडिया, शिक्षा संस्कृति व स्वास्थ्य सेवा एवं विज्ञान और तकनीक के क्षेत्रों को अपने श्रम से सींच कर आधुनिक दुनिया का निर्माण किया है। लेकिन इन सब क्षेत्रों को लूट कर पूंजीपतियों के द्वारा श्रमजीवी जनता के जन जीवन के अस्तित्व को अंधकारमय भविष्य के गर्त में धकेल दिया गया है। श्रमिक वर्ग के ही स्वास्थ्य सेवा से जुड़े श्रम सेनानी आज कोरोनावायरस के सबसे खतरनाक प्रजाति कोविड-19 की चुनौतियों का मुकाबला करते हुए मानव जीवन की रक्षा हेतु अपनी कुर्बानी और अपना शहादत दे रहे हैं।
135 वां मई दिवस संकल्प समारोह 1886 के शिकागो श्रम संघर्ष की शहादत से लेकर आधुनिक दुनिया के निर्माण काल तक के श्रम संघर्षों के तमाम शहीदों की शहादत को अपनी श्रद्धांजलि व अपना लाल सलाम अर्पित करता है । अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि श्रमिक आंदोलन की उपलब्धियों की विरासत की रक्षा करने के साथ ही श्रम संग्राम को लगातार आगे बढ़ाने की प्रतिज्ञा ही मई दिवस की प्रासंगिकता हो सकती है ।
श्रम कानून और न्यूनतम मजदूरी कानून पर नित्य दिन नए-नए हमले श्रम और श्रमिक आंदोलन की जबरदस्त चुनौतियां है। समान योग्यता समान काम का समान वेतनमान वित्त रहित शिक्षा व्यवस्था संविदा और ठेका प्रणाली के बलि का बकरा बना हुआ है। मानव संसाधन उद्योग के नाम से परिभाषित शैक्षणिक संरचना के शिक्षित प्रशिक्षित प्रशिक्षित राष्ट्र निर्माता नामधारी शिक्षक अपने न्यायोचित समानता के आदर्श श्रम सिद्धांत आधारित मांगों को लेकर विगत 3 महीनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं हड़ताल से उत्पन्न परिस्थितियों का शिकार बनकर 60 से भी अधिक शिक्षकों की शहादत हो चुकी है। कोविड-19 के हमलों से हताहत बेरोजगार हो चुके श्रमिक भूखों मरने को विवश है तो वहीं दूसरी ओर देश के सरकारी गोदामों में 7.5 करोड़ टन अनाज या तो सर रहे हैं या उसे चूहा खा रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीटू के वरिष्ठ नेता सुरेश प्रसाद सिंह ने कहा कि देश के 70 फ़ीसदी परिसंपत्तियों पर कब्जा जमाए कारपोरेट घराना श्रमिकों की कमाई से दुनिया के अमीरों की श्रेणी में शामिल होकर गरीबी का मुंह चिढ़ा रहे हैं और श्रमिकों की एकता आधारित संगठित सशक्त लड़ाई ना हो इसके लिए उन्हें धर्म,सम्प्रदाय,जाति, क्षेत्र, भाषा और लिंग के आधार पर विभाजित करने की साज़िश किया जाता है । जो दुर्भाग्यपूर्ण, शर्मनाक और मजदूर आंदोलन का अभिशाप है। इसके खिलाफ श्रृंखलाबद्ध आन्दोलन वक्त की अनिवार्य आवश्यकता है ।
कार्यक्रम को आटो यूनियन नेता पंकज कुमार सिंह, मनोज पासवान, भारतीय मोबाइल टावर युनियन नेता उदय कुमार सिंह, पवन कुमार उर्फ मिट्ठू, अजीत कुमार राय, पी एच इ डी आपरेटर यूनियन नेता अनिल कुमार उर्फ सेनापति एवं रमेश कुमार सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया ।