भोजपुर (सहार) ::–
बबलू कुमार/एहराज अहमद ::-
20 अप्रैल 2020 सोमवार
कोरोना संक्रमण को लेकर देशहित में संपूर्ण लॉकडाउन से गरीब, मजदूर एवं किसानों के बीच जीविकोपार्जन की समस्या उत्पन्न है। ऐसे में केंद्र सरकार की कई गरीबोन्मुख योजनाओं में जनधन, उज्जवला जैसी योजनाओं से कई परिवारों के लाभान्वित होने की संभावना जताई जा रही है।
वहीं प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाताधारको के खाते में पैसे डाले भी जा चुके हैं। परंतु अनुसूचित जाति की कैटेगरी में आने वाले मुसहर जाति आज भी लॉकडाउन की परवाह किए बिना अपने जीविकोपार्जन की जुगत में लगा है। एक ओर जहां बैंकों के बाहर हर दिन लंबी लाइनें लगी होती हैं। बैंकों के बाहर लोग जनधन खाते में आए पैसों की निकासी करते दिखते हैं।
वैसे मैं यह मुसहर जाति के लोग कड़ी दोपहरी में खेतों एवं खलिहानों में अपनी जीविका चलाने के लिए अनाज चुनते दिखाई देते हैं। ऐसे ही कुछ मुसहर जाति के लोग हर दिन की तरह सहार प्रखंड मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर आनाज बीनकर उसे साफ करते दिखे। लॉक डाउन पर उनसे बात करने पर वह इससे अनभिज्ञ दिखे। उन्होंने यह भी बताया की हमारी सुध लेने वाला कोई भी नहीं है। ऐसे में यदि हमने यह अनाज नहीं बिना, तो अपना घर कैसे चला पाएंगे।
एक ओर जहां सरकार दिए गए अनुदान राशि पर अपनी वाहवाही बटोरने एवं अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है। वही ऐसे गरीबों,दलितों एवं असहायों का सहारा कौन होगा यह प्रशासन से सवाल है। जिसका जवाब मिलता हुआ नहीं दिख रहा है।