गड़हनी-भोजपुर ::–
बबलू कुमार-
13 फरवरी 2020 गुरुवार
दिल्ली के शाहीन बाग से उठी दूसरी आजादी की जंग की अनवरतता में अनिश्चितकालीन धरना भोजपुर जिले के गड़हनी में शुरू हुआ। देश में भाजपा के द्वारा लाये गये गरीब-विरोधी सांप्रदायिक नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। ये जनांदोलन आग की तरह आजादी की आकांक्षा के साथ फैलता जा रहा है।
इस अनिश्चितकालीन धरना का उद्घाटन माले के राज्य नेता सह राष्ट्रीय किसान नेता व तरारी विधायक सुदामा प्रसाद ने किया। धरना शुरू होने के पूर्व एक आक्रोश मार्च निकाला गया। नागरिकता बचाओ-संविधान बचाओ-देश बचाओ।
संविधान-विरोधी व सांप्रदायिक नागरिकता संशोधन कानून वापस लो।
गरीब-विरोधी नागरिकता रजिस्टर और जनसंख्या रजिस्टर पर रोक लगाओ
बिहार विधानसभा से सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित करो । आदि नारों के साथ गड़हनी बागड़ मोड़ से आक्रोश मार्च निकाला गया। ये आक्रोश मार्च स्टेट हाई-वे होते हुए बनास नदी के पुराने पुल पर धरना में तब्दील हो गया।
इस आक्रोश मार्च का नेतृत्व भोजपुर जिला सचिव जवाहर सिंह, माले के पीरो सचिव संजय, गड़हनी सचिव नवीन कुमार, माले वरिष्ठ नेता राम छपित राम, इनौस के जिला संयोजक शिवप्रकाश रंजन, आइसा राज्य सचिव शब्बीर, जनकवि निर्मोही व अमीन भारती आदि ने किया।
मार्च में सामाजिक कार्यकर्ता रफी, जफर, असगर, मंजूर, असलम भी शामिल रहे। उद्घाटन करते हुए सुदामा प्रसाद ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे ने बता दिया है कि गोली मारो अभियान चलाने वाले गैंग की करारी हार हुई है और इसके दिल्ली की जनता बधाई के पात्र है।
भाजपा ने सीएए-एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ दिल्ली में चल रहे शाहीनबाग के आंदोलन को केंद्र कर सोचा था कि वह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने में सफल हो जाएगी, लेकिन दिल्ली की जनता ने उसके इन नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया है। विगत कई महीनों से वहां के छात्र-युवा व आम लोग पुलिस की भयानक बर्बरता और गुंडों के हमले के शिकार हो रहे हैं। जामिया से लेकर जेएनयू और अब गार्गी काॅलेज की छात्राओं के साथ अभद्रताएं की जा रही हैं। दिल्ली चुनाव परिणाम इसी का नतीजा है।
दिल्ली चुनाव परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा की संविधान व लोकतंत्र विरोधी तथा नफरत व विभाजन की राजनीति देश की जनता को मंजूर नहीं है। देश की जनता आर्थिक मंदी से उबरना चाहती है और अपने लिए रोजगार चाहती है।
यह भी कहा कि झारखंड से भाजपा की हार का आरंभ हुआ। दिल्ली होते हुए अब बिहार पहुंचेगा। बिहार विधानसभा के चुनाव में भी बिहार की जनता ने अपना मन बनाना शुरू कर दिया है और यहां भी दिल्ली की ही तरह भाजपा की करारी हार होगी।
जिला सचिव जवाहर सिंह ने कहा कि सीएए-एनआरसी-एनपीआर काला कानून है और इससे भारतीयों की नागरिकता छीनी जाएगी न कि दी जाएगी जैसा भाजपा के लोग भ्रम फैला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह कानून गरीब-विरोधी और सांप्रदायिक हैं और इसे वापस लेना होगा।
उन्होंने कहा कि देश नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है ,दिल्ली- पीरो- आरा- गड़हनी जैसे सैकड़ो शाहीन बाग ने देश को जगाया है और अन्य सोये हुए लोगों को भी जगाना है।
धरना की अध्यक्षता करते हुए मनोज मंजिल ने कहा कि घर-घर जाना है ; गांव-गांव जाना है
सबको यह बतलाना है कि कागज नहीं दिखाना है।
मंजिल ने सभी धरनार्थियों को 25 फरवरी को पटना में विधानसभा मार्च को सफल बनाने के लिए आज से ही जूट जाने की अपील की। उन्होंने लंबी लड़ाई को धैर्य से लड़ने की अपील की और कहा कि शाहीन बाग और गड़हनी- पीरो- आरा जैसी लड़ाई से हम ऊर्जा पाते हैं।