नई दिल्ली :–
@ वर्किंग जर्नलिस्ट ऐक्ट को और सुदृढ बनाया जाए
20 दिसंबर 2019
शुक्रवार
कनफेडरेशन आफ न्यूजपेपर एंड न्यूज एजेंसी एंप्लाइज ने संसदीय स्थाई श्रम समिति के सामने मांग की कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट को बरकरार रखा जाए। कनफेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने यह भी मांग की कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट का व्यापक संशोधन किया जाए और उसमें इलेक्ट्रॉनिक तथा डिजिटल मीडिया को भी शामिल किया जाए।
श्रम विभाग के स्थाई संसदीय समिति के अध्यक्ष भर्तृहरि महताब और अन्य सदस्यों ने मीडिया कर्मियों की बात ध्यान से सुनी और बताया कि हम लोगों की बात वह भारत सरकार के समक्ष पूरी दृढ़ता से प्रस्तुत करेंगे।
उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत सरकार ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन कोड पर निर्णय लेने से पहले मीडिया कर्मियों की बात पर विशेष रूप से ध्यान देगी।
यह बैठक संसद की एनेक्सी में अपराह्न ढाई से चार बजे तक चली। इसके करीब 2 माह पहले इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ( आईएफडब्लूजे ) और कंफेडरेशन के प्रतिनिधिमंडलों को केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार आश्वस्त कर चुके हैं कि कोई भी निर्णय लेने के पहले संसदीय स्थाई समिति के आलोक में ही विधेयक का स्वरूप सुनिश्चित करेंगे।
आज संसदीय समिति के समक्ष आईएफडब्ल्यू की तरफ से उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी, महासचिव परमानंद पांडेय, कोषाध्यक्ष रिंकू यादव ने इस बैठक में अपनी बातें रखीं। कनफेडरेशन की ओर से महासचिव एमएस यादव, सीएस नायडू, एनके पाठक, अनिल गुप्ता, अशोक मलिक, मनोहर सिंह, मनोज मिश्रा, श्रीनिवास रेड्डी, एसएन सिन्हा, पीटीआई एम्पलाइज फेडरेशन की ओर से भुवन चौबे आदि ने देश के श्रमजीवी पत्रकारों का पक्ष रखा।
देश की सबसे प्रमुख मीडिया फेडरेशन के महासंघ के प्रतिनिधि सदस्यों ने बाद में संसदीय समिति के अध्यक्ष और सदस्यों के प्रति आभार जताया और उनसे एक-एक करके अकेले में भी व्यवहारिक स्थितियों से अवगत कराया है।