बछवाड़ा(बेगूसराय) ::–
@ वृंदावन की मशहूर रासलीला एवं रामलीला लोगों का आकर्षक का केंद्र बना हुआ है। एक से बढ़कर एक मनमोहक झांकियां प्रस्तुत की जाती है।
@ साठा रसीदपुर बलान नदी के तट पर हो रही भव्य राम कथा का आयोजन।
मिंटू झा ::–
16 दिसम्बर 2019
सोमवार
प्रखंड क्षेत्र के साठा रसीदपुर सर्वेश्वर महादेव पुल बलान नदी के पास नौ दिवसीय श्री राम कथा के द्वितीय दिन मंगलवार को कथा वाचक सिद्ध बाबा नरसिंह दास जी महाराज के मुखारविंद से कहा गया कि भगवान श्री राम कथा के श्रवण से मन और आत्मा दोनों निर्मल हो जाते हैं।
भगवान राम ने दुष्ट आत्माओं का संहार करने के लिए भले ही नर अवतार लिया हो, लेकिन धरती पर अवतरित होने के बाद भी उन्होंने पुरुष की मर्यादाओं का पालन करते हुए सनातन धर्म की रक्षा की। भगवान श्री राम सच्चाई के प्रतीक थे। प्रभु राम की कृपा कभी कभी जरूर होती है। इसके लिए रामायण को मन, दिल में उतारना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम की नित्य भक्ति से मन और आत्मा का निर्मल विकास होना अवश्य भावी है।
भगवान से विमुख होने पर संसार में कही पर भी जगह नहीं मिलती है, जबकि भगवान के समक्ष होने पर शत्रु भी अपने हो जाते है। अगर किसी समय में हम भगवान के सम्मुख नहीं हो पाते हैं, तो ऐसे में केवल संत ही कल्याण कर सकता है। संत की एक नजर पड़ने पर कल्याण हो जाता है। उन्होंने कहा कि राम सीता ने 99 रास लीलाओं की रचना की है। चित्रकूट भगवान राम की दिव्य राम स्थली है।
भगवान राम ने 12 वर्ष चित्रकूट में व्यतीत किए। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि सभी प्रकार की साधना का फल ईश्वर का दर्शन है जबकि ईश्वर का फल संत का दर्शन है, मन की आत्मा में परमात्मा का निवास होता है।

आयोजक समिति के संयोजक एवं मुख्य यजमान शशि भूषण पोद्दार ने बताया कि सुदूर देहात क्षेत्रों में रामकथा होने से यहां के श्रद्धालुओं में भक्ति और आस्था के प्रति लोगों का मन काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है। अभी हर बच्चे को चाहिए कि अपने माता-पिता का सेवा करें इनकी सेवा में ही परमात्मा का निवास है।
इस रामकथा में श्रद्धालुओं को राम भक्ति में मगन होने के साथ-साथ बच्चों के लिए मनोरंजन का भी साधन उपलब्ध कराया गया है। यहां ब्रेक डांस, टावर झूला, वृंदावन की मशहूर रासलीला एवं रामलीला आकर्षक का केंद्र बना हुआ है। दूरदराज से भक्त श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमर रहा है।
उपस्थित व्यक्ति महावीर दास जी महाराज, स्वामी अवधेशानंद जी महाराज, मिंटू झा, मनीष चौधरी, राम पदार्थ चौधरी, दिवाकर झा, हरीश चंद्र झा, श्री रमन चौधरी, गुड्डू चौधरी, कन्हैया चौधरी, राम पुनीत झा, अमृत कलश, राहुल कुमार, कुंदन शर्मा, नंदन शर्मा मौजूद थे।