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भाईचारे का अनोखा नमूना ::: हिन्दू-मुस्लिम एक साथ भांजते है फरसा और भाला

मंसूरचक(बेगूसराय)

मिन्टू झा :-

10 सितंबर 2019
मंगलवार

शांति और सौहार्द पूर्ण वातावरण में मुहर्रम मनाना मंसूरचक से सीखा जा सकता है। यहां साठा, गोविंदपुर, समसा, मुर्गियाचक, गुरुदासपुर आदि गांव में मुहर्रम पर्व बड़े ही सौहार्द से मनाया गया।

साठा गांव से साठा इमामबाड़ा और विभिन्न गांव में शांतिपूर्ण ताजिया जुलूस निकाला गया। मंसूरचक थाना अध्यक्ष अरविंद कुमार ने लोगों को मुहर्रम आपसी भाईचारे के साथ ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि मंसूरचक थाना क्षेत्र की सांस्कृतिक हमेशा ही एक दूसरे से मिलकर चलने को प्रेरित करती चली आ रही है।

वहीं शिक्षक अम्बुज झा ने बताया कि साम्प्रदयिक सद्भाव का मिसाल है, अपने यहाँ का मुहर्रम। यहां मोहर्रम में ताजिया जुलूस हमेशा से मंसूरचक के लोगों को गौरवान्वित करने का काम करते आ रहे हैं। जो गंगा-यमुना तहजीब को दर्शाता है।

मंसूरचक के समसा की धरती पर सारे इलाके के हिन्दू मुस्लिम एक साथ जुलूस में भाग लेते है। आपसी भाईचारे का पैगाम देता है। यहां के हिंदू व मुस्लिम भाई लोग आपस में ताजिया पर्व में एक दूसरे से मिलकर अपने पर्व को मनाते आए हैं। जो सांस्कृतिक को बरकरार रख रही है।

बताते चलें कि पुराने समय से ही यहां की मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आपसी भाईचारे के साथ मुहर्रम मनाते चले आ रहे हैं। फरसा, भाला, तलबार, लाठी, डंडे के साथ मुहर्रम काफी ज्यादा लोगों को मन को लुभाने का काम करती है। दो गांवों का ताजिया आपस में मिलन ही भाईचारे को बनाये रखते हैं।

उपस्थित व्यक्ति में मोहम्मद आयूब अंसारी, स्वार्थ झा, चन्द्रदेव झा,मोहम्मद तशोवर आदि थे।

By National News Today

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