Wed. Apr 23rd, 2025

जहाँ हुए बलिदान मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है” के नारों से गूंज उठा मंसूरचक

मंसूरचक (बेगूसराय) ::–

मिन्टू झा ::-

06 जुलाई 2019

दुनिया के पहले सबसे कम उम्र महज 33 वर्ष में कुलपति बनने का सौभाग्य प्राप्त करने वाले देश के विभूति डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के व्यक्तित्व से आज के युवाओं को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।

डॉ. मुखर्जी ने एक देश में दो निशान, दो विधान एवम दो प्रधान का विरोध कर तत्कालीन सरकार के विरोध में बड़ा आंदोलन खड़ा किया था। जिसका बड़ा प्रभाव पड़ा। ये बातें भाजपा के वरिष्ठ नेता सह मुखिया सुधीर कुमार राय मुन्ना ने गोविंपुर-2 पंचायत स्थित फरछिवन दूध सेंटर के सभागार में नेहरू युवा केन्द्र द्वारा आयोजित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 118 वें जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शनिवार को कही। उन्होंने कहा कि देश उनके बलिदान को कभी नहीं भुला सकता।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचायत के पैक्स अध्यक्ष कृष्ण कुमार चौधरी एवम संचालन नेहरू युवा केन्द्र से जुड़े कार्यकर्ता रमन कुमार ने की।

कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सह बॉलीवुड एक्टर अमिय कश्यप, सुधीर कुमार मुन्ना, नारंगी उत्पादन कर ज़िले में चर्चा में आये समाजसेवी सरोज कुमार चौधरी, कृष्ण कुमार चौधरी, रमन कुमार आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

इस अवसर पर युवाओं एवम वक्ताओं ने एक स्वर से “जहाँ हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है” का नारा बुलंद किया।

कार्यक्रम के उपरांत अतिथियों के द्वारा फरछिवन मध्य विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम भी किया गया।काशीनाथ चौधरी, राजीव कुमार, राकेश साहू, मनोज साह सहित दर्जनों युवा शामिल थे।

By National News Today

नेशनल न्यूज़ टुडे वेब पोर्टल के रूप में आप लोगों के बीच आया है। यह न्यूज़ पोर्टल "खबरें वही जो हो सही" को अक्षरसः पालन करते हुए, आपके बीच में सदैव ताजातरीन ख़बरों से अवगत कराते रहेंगे।

Related Post

You Missed