बछवाडा़ (बेगूसराय):~
@ लू के थपेड़ों से बचने के लिए पीपल के पेड़ का शरण लेना बना जानलेवा
@ रेस्क्यू में भाग नहीं लेने पर कोप भाजन के शिकार हुए पुलिस
राकेश कु०यादव:~
दिन के ढाई बजे थे। धूप अपने चरम पर था। तेज धूप से बचने के लिए दलित महिला मजदूर मालिक के खेत का काम छोड़ पीपल के पेड़ की छांव में बैठाकर चार बजने का इंतजार कर रही थी। चार बजने के बाद वह खेत में काम पर वापस लौटती। गौरतलब है कि भीषण गर्मी के कारण डीएम का निर्देश है कि दिन के दस से चार बजे के बीच मजदूरों को काम नहीं करना है।
उक्त दलित महिला मजदूर एवं एक अन्य लड़की के साथ काम पर वापस जाने के समय का इंतजार कर हीं रही थी, मगर शायद किस्मत में वापस जाना नहीं लिखा था। न हवा न तुफान फिर भी अचानक पीपल की मोटी एवं बड़ी टहनी टुट कर उक्त महिला एवं बच्ची के उपर काल बनकर आ गिरा।
जिसमें महिला मजदूर तो बिलकुल हीं दब चुकी थी, मगर उक्त बच्ची चोट खाकर बेहोश हुई और गिर गयी।
पीपल के पेड़ की बड़ी डाल टूटने की आवाज़ सुनकर आसपास के घरों में आराम कर रहे ग्रामीण वहां का दृष्य देखकर हथप्रभ रह गये। आनन-फानन में गिरे पीपल के डाल के नीचे बेहोश पडी़ बच्ची को बगल के नीजी क्लिनिक में भर्ती कराया।
इधर ग्रामीणों की एक बड़ी टोली को पुरी तरह दबी महिला को कुदाल व फावरे के सहारे मिट्टी खोदकर निकालने में पसीने छुट रहे थे।
दूसरी ओर घटना स्थल पर पहुंची पुलिस खटिया पर बैठकर आराम फरमा रही थी।
कड़ी मशक्कत के बाद मृत महिला को डाल के नीचे से निकाला जा सका। मृत महिला की पहचान गोघना गांव निवासी लखन मोची की लगभग 55वर्षीय पत्नी कुशमा देवी के रूप में की गयी है। जबकि स्थानीय निवासी सुरेश राम की लगभग दस वर्षीय घायल पुत्री का ईलाज स्थानीय नीजी क्लिनिक में कराया जा रहा है।
मौके पर जुटे आक्रोशित ग्रामीणों ने तमाशबीन बनीं पुलिस को जमकर अपने कोपभाजन का शिकार बनाया।
इस मौके पर पुर्व मुखिया प्रतिनिधि राजीव चौधरी, पुर्व जिला पार्षद प्रतिनिधि सुजीत सहनी समेत अन्य ग्रामीणों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल बेगूसराय भेज दिया।