बेगूसराय ::–
विजय श्री ::–
नन्ही-नन्ही हाथों ने जब मिट्टी गूंद कर उसे एक शक्ल देने की शुरुआत की तो देखते देखते मिटटी ने मानो एक सजीव जंतु और पक्षी का रूप ले लिया।
यह कमाल
सिंघौल स्थित एसओएस बालग्राम में चल रहे 10 दिवसीय समर थियेटर एडवेंचर वर्कशॉप के छठे दिन, रविवार को मूर्तिकला प्रशिक्षण में बच्चों ने कर दिखाया।
प्रशिक्षक के थोड़े से दिशा निर्देशन से बच्चों ने एक से एक मिटटी की मूर्ति बनाई। बच्चों ने खरगोश और तितली की मूर्ति बनाई। एसओएस के लगभग 50 बच्चों को मूर्ति कला का प्रशिक्षण दिया गया।
एसओएस के अधिकारी भी बच्चों के इस नयी प्रतिभा को देख गदगद थे। उन्होंने भी बच्चों का काफी उत्साहवर्धन किया। बच्चे भी मिट्टी की मूरत बना कर काफी रोमांचित थे।

वही वर्कशॉप देखने आये अतिथि और कॉलेज की छात्रा ने भी बच्चों की इस प्रतिभा को खूब सराहा।
बैंक अधिकारी स्वेता सिंह ने कहा कि इतनी छोटी उम्र में बच्चों का मूर्तिकला के प्रति रूचि से वे दंग है। अगर इन्हें और बेहतर प्रशिक्षण दिया जाय तो ये एक बेहतर मूर्तिकार बन सकेंगे। वही छात्रा खुशबु कुमारी ने कहा ये बच्चे काफी मेहनती और लगनशील है। वर्कशॉप में मूर्तिकला के अलावे बच्चों को गायन, नृत्य, क्राफ्टिंग, नाटक आदि का प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण सत्र के अंत में बच्चों ने अपनी अपनी कला का प्रदर्शन भी किया। कई बच्चों ने कविता और गायन का पाठ किया।
मौके पर वर्कशॉप के निर्देशक चन्दन कुमार सोनू, एसओएस की रीतु सिंह, मूर्तिकला विशेषज्ञ किशन कुमार, क्राफ्टिंग शिक्षक अनिकेत वर्मा, रॉबिन कुमार, सुशील कुमार, शिवम् कुमार, छात्रा अंकिता कुमारी, लकी कुमार, आदित्य कुमार आदि उपस्थित थे।