बेगूसराय ::–
विजय श्री ::–
प्रकृति की भी लीला अजीबोगरीब होती है। मनुष्यों द्वारा उत्पन्न किया गया दुष्परिणाम का ही परिणाम है कि आज सुबह 6 से 7 बजे के बीच प्रकृति अपना रंग दिखाई।
सुबह अच्छी धूप खिली और उसके बाद पूरे वातावरण में धुंध छा गया। मानव प्रकृति के साथ दुर्व्यवहार करना नहीं छोड़ेगा तो प्रकृति खुद मनुष्य को दंड दे देगा। आज सुबह की घटना से लग रहा था कि प्रकृति यह साफ संदेश देने की कोशिश कर रहा हो कि मनुष्यओं सुधर जाओ वरना ऐसा दंड मिलेगा की बाद में पछताने के अलावा कोई बिकल्प नहीं बचेगा।
आज सुबह लग रहा था जैसे जनवरी-फरवरी का मौसम हो। पूरी वातावरण में धुंध छा गया और आगे दिखना मुश्किल हो गया। गाड़ियों की लाइट जल गई।
लोग कुतूहल वश देखने लगे। प्रकृति की एकाएक बदलाव से लोगों के मन में आशंका भी पैदा होने लगी। दो-तीन दिनों से तेज धूप के कारण प्रचंड गर्मी थी।
लेकिन आज सुबह एकाएक दिसंबर-जनवरी की याद ताजा कर दी।
इसलिए मानव को चाहिए की वातावरण को प्रदूषण होने से रोकने की हर संभव प्रयास करे।
हलाकि 7:00 बजे के बाद फिर धूप निकल आई। लेकिन इस 1 घंटे में प्रकृति अपना साफ संदेश दे दी की वायुमंडल को प्रदूषण मुक्त बना कर रखें, नहीं तो परिणाम भुगतने को तैयार रहें।