बेगूसराय : 29 सितंबर : विश्व हृदय दिवस के मौके पर जिले के 12 बच्चे जो दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित थे उन्हें प्रथम जांच के लिए पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान भेजा गया। जहां सभी बच्चों का इको टेस्ट किया जाएगा। उसके बाद सभी बच्चों दिल का ऑपरेशन अलग-अलग दिन किया जाएगा।
भेजे गए यह बच्चे एक माह से लेकर 3 साल तक के हैं जिनको अलग-अलग प्रखंडों में कार्यरत चलंत चिकित्सा दल के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र पर जांच की गई थी।

जांच के क्रम में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के चिकित्सक के द्वारा हृदय रोग से ग्रसित होने की संभावना व्यक्त की गई। जिसके बाद उन सभी बच्चों को जिला अस्पताल भेजा गया जहां पर शिशु रोग विशेषज्ञ के द्वारा इस बात की पुष्टि की गई की इन सभी बच्चों के हृदय में छिद्र हैं। और इन्हें तत्काल बड़े संस्था में इलाज की जरूरत है। सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह के निर्देश पर इन सभी बच्चों की जांच करवाई गई और आगामी माह सभी बच्चों के दिल का ऑपरेशन किया जाएगा। इन बच्चों को सदर अस्पताल प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराए गए तीन एंबुलेंस से अपने-अपने अभिभावक के साथ पटना भेजा गया। जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. संजय सिंह के द्वारा बताया गया कि यह एक गंभीर बीमारी है इस बीमारी की जितनी जल्दी पहचान कर इलाज करवाई जाए उतना ही जल्द लाभ मिलता है। उन्होंने बताया की जिले में कार्यरत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अभी तक जिले में 63 बच्चों को नई जिंदगी प्रदान की जा चुकी है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. गोपाल मिश्रा ने बताया की इस रोग से बचाव के लिए हर वर्ष 30 से ऊपर उम्र वालों को कम से कम साल में एक बार अपना संपूर्ण जांच करना चाहिए ताकि अगर किसी भी प्रकार की हृदय रोग संबंधित बीमारियों की संभावना हो तो उसे जल्द से जल्द दूर किया जा सके। कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजी ने बताया कि हमारे जिले में इस रोग से बचाव करने के लिए 24 चलंत चिकित्सा दल कार्यरत हैं। जिला समन्वयक डॉ. रतीश रमन ने बताया कि जिले में कई बच्चे के अभिभावक पैसे के अभाव में इसका इलाज नहीं करवा पाते हैं, परंतु जब से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य का कार्यक्रम के तहत बाल हृदय योजना की शुरुआत की गई है तब से कई अभिभावक के घर में नई जिंदगी की किलकारियां गूंज रही है। बच्चों के रवानगी के समय जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. गोपाल मिश्रा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजी, जिला समन्वयक डॉ. रतीश रमन, डीईआईसी मैनेजर सविता कुमारी मौजूद थी।