
बेगूसराय: दिनकर कला भवन में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ द्वारा सम्मलेन का आयोजन किया गया। इसमें महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा की 3 नवंबर को दिल्ली में होने वाली कर्मचारी रैली ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व होगी। इसमें केन्द्र एवं राज्य कर्मचारी भारी संख्या में शामिल होंगे। इसको लेकर सभी राज्यों में व्यापक तैयारियां की जा रही है। रैली की तैयारियों को लेकर 9 अगस्त से शुरू हुआ कर्मचारी जत्था गुरुवार को बलिया होते हुए बेगुसराय दिनकर कला भवन पहुंचा जहां सैकड़ों की संख्या में मौजूद कर्मचारियों ने नारों के साथ उसका जोरदार स्वागत किया।
जत्थे में ऑल इंडिया सेंटर की ओर से अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, कोषाध्यक्ष शशिकांत राय, बिहार अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष नीलम कुमारी व महामंत्री सुबेश सिंह शामिल थे। अपने भाषण में श्री लांबा ने चेतावनी दी कि अगर पुरानी पेंशन बहाली, संविदाकर्मियों का नियमितीकरण, आठवें वेतन आयोग का गठन, 18 महीने के बकाया डीए, खाली पदों पर बहाली व पीएसयू के निजीकरण पर रोक लगाने आदि मांगों की अनदेखी की गई तो लोकसभा चुनाव में भाजपा व सहयोगी दलों को भारी नाराजगी का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कोविड 19 में रोके गए 18 महीने के डीए का अभी तक भुगतान न करने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर लगातार हमने किए जा रहे हैं और यूनियनों एवं एसोसिएशन की मान्यता रद्द की जा रही है। मजदूरों द्वारा संधर्षो के बल पर हासिल किए गए श्रम कानूनों को समाप्त कर चार लेबर कोड्स बना दिए गए हैं।
साथ ही केन्द्र सरकार बिजली वितरण प्रणाली को निजी हाथों में सौंपने के लिए बिजली अमेंडमेंट बिल 2022 को पारित करने पर आमादा है। प्राईवेट लाईसेंस धारकों के रास्ते को आसान बनाने के लिए देशभर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। जिससे गरीब व किसान को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
बिहार अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महासचिव सबेश सिंह व राज्य अध्यक्ष नीलम कुमारी ने कहा कि बिहार से हजारों की संख्या में कर्मचारी 3 नवंबर को दिल्ली रैली में शामिल होंगे। जिसके लिए सभी जिलों में वाहन जत्थे चलाए जा रहे हैं।
कर्मचारी सम्मेलन की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष कौशलेंद्र कुमार ने की और संचालन जिला मंत्री मोहन मुरारी ने किया।