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बेगूसराय :: 24वीं पुण्यतिथि पर याद किए गए जन कवि बाबा नागार्जुन 

बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।। 

आधुनिक हिंदी साहित्य में प्रगतिशील काव्य धारा के प्रमुख कवि बाबा नागार्जुन की 24 वीं पुण्यतिथि शाहिद सुखदेव सिंह समन्वय समिति के तत्वाधान में सुखदेव सभागार, सर्वोदय नगर, बेगूसराय में मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने की।

 

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हिंदी एवं मैथिली साहित्य के आधुनिक काल में प्रगतिशील धारा के प्रमुख रचनाकार बाबा नागार्जुन के काव्य एवं कथा साहित्य में समान रूप से योगदान रहा है। राष्ट्रवादी रचना और सामाजिक संघर्षशील के कारण उन्हें आधुनिक कवि का सम्मान प्राप्त हुआ है।


इस अवसर पर पूर्व मेयर आलोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि बाबा नागार्जुन रूढ़िवादी ,विचारधारा के घोर विरोधी थे ।उन्होंने अपना सपाट काव्य रचनाओं के माध्यम से तत्कालीन भारतीय समाज का चित्र खींचा है वह कबीर की तरह ही अपनी रचनाओं में व्यंग भरा है। वह हिंदी मैथिली के साथ ही संस्कृत के संस्कारी कवि के रूप में भी मुखर हुए हैं। ऐसे महान कवि को मेरा शत-शत नमन।

साहित्यकार डॉक्टर चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि बाबा नागार्जुन बहूअयामी प्रतिभा के धनी साहित्यकार थे। कवि प्रकृति से घूमकर और विचार के मार्क्सवादी थे।उनके व्यक्तित्व में ठेठ देशी संस्कार रचे बसे थे। उनकी रचनाओं से गांव की सोंधी गंध आती है। ग्रामीण किसान मजदूर इस तरह की भाषा समझते और बोलते हैं। उसका निखार हुआ काव्यात्मक रूप झलकता है। वह सच्चे अर्थों में भारतीय युग धारा के कवि थे।

गणेश प्रसाद सिंह माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिला सचिव कहां की नागार्जुन का पूरा नाम बैजनाथ मिश्र नागार्जुन हिंदी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। अनेक भाषाओं के ज्ञाता तथा प्रगतिशील विचारधारा के साहित्यकार नागार्जुन ने हिंदी के अतिरिक्त मैथिली, संस्कृत एवं बंगला में मौलिक रचनाएं भी की तथा संस्कृत, मैथली एवं बंगला से अनुवाद कार्य किया।

दधीचि देहदान समिति के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार राय ने कहा कि कबीर का सम्मान पाने वाले बाबा नागार्जुन स्वाधीन भारत के प्रतिनिधित्व करने के रूप में पहचाने जाते हैं। ऐसे महान कवि को सत सत नमन।

इस अवसर पर कवि अलख निरंजन चौधरी ने कहा कि नागार्जुन का मूल नाम बैजनाथ मिश्र था, जो मैथिली साहित्य यात्री जी के नाम से लिखे थे।

महिला सेल सचिव सुनीता देवी ने कहा कि नागार्जुन फक्कड़ कवि थे। और वामपंथी विचारों से जुड़े हुए ऐसे महान कवि नागार्जुन जिन्होंने फक्कर हालात में रहते हुए भी अपने कविता के माध्यम से समाज की सेवा की । ऐसे महान कवि को कबीर का सम्मान प्राप्त हुआ। उनको शत-शत नमन।

इस अवसर पर राजेंद्र महतो अधिवक्ता जेपी सेनानी, आलोक कुमार इंजीनियर, खुशी सिंह , छात्र अनिकेत कुमार पाठक, डॉ एम एन रहमानी , छात्रा आंचल कुमारी,छात्रा आनाय गौतम अनेकों ने अपना अपना विचार व्यक्त करते हुए नागार्जुन की 24वीं स्मृति दिवस पर उन्हें माल्यार्पण की।

By National News Today

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