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चैत्र नवरात्रि आज 6 अप्रैल से शुरू हो गई है। जो 14 अप्रैल तक चलेगी।
आज प्रथम दिन शैलपुत्री देवी की पूजा का दिन है। नवरात्र के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा होती है।
माना जाता है कि देवी के इस रूप का नाम शैलपुत्री इसलिए पड़ा क्योंकि उनका जन्म राजा हिमालय के यहां हुआ था। माँ शैलपुत्री को अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
अगर हमारे जीवन में स्थिरता और शक्ति की कमी है तो माँ शैलपुत्री की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
महिलाओं के लिए तो माँ शैलपुत्री की पूजा काफी शुभ मानी गई है।
शैलपुत्री माता को मंत्र का जाप से प्रसन्न किया जाता है। माता के लिए आप नीचे दिए गए मन्त्र का जाप कर सकते हैं।
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्राद्र्वकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ा शूलधरां यशस्विनीम्॥
वृषभ-स्थिता माताजी के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएँ हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। यह नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं।
प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन उपवास करने के बाद माता के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करने से आरोग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आज सुबह से ही माता की पूजा-आराधना किया जा रहा है।