बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
स्वामी सहजानंद सरस्वती की 72वीं स्मृति दिवस शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति की ओर से सुखदेव सभागार सर्वोदय नगर बेगूसराय में मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने किया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के देवा गांव में 22 फरवरी 1889 को हुआ था। जबकि उनकी मृत्यु आज ही के दिन 26 जून 1950 को मुजफ्फरपुर में हो गया था। वह अपने संपूर्ण जीवन भारतीय किसान, मजदूरों और आम जनों के हित हितार्थ में लीन कर दिया। ऐसे महान पुरुषों को शत शत नमन करता हूं।
इस अवसर पर नगर निगम के मेयर आलोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती हमारे आदर्श थे। वह आज होते तो भारतीय समाज का स्वरूप कुछ और होता। महिलाओं के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का कार्य करते थे। वह महान किसान नेता, समाजसेवी को मेरा शत-शत नमन।
इंजीनियर आलोक कुमार ने कहा कि सरस्वती भारत में किसान आंदोलन के जनक थे। वे जीवन भर भारतीय समाज को एकता के सूत्र में बांधने का जो कार्य किया वह आज के महापुरुषों और राजनेताओं को उनसे सीख लेने की जरूरत है। ऐसे महान पुरुष को मेरा शत-शत नमन।
स्वामी सहजानंद सरस्वती व्यवस्था के प्रदूषण को रौंदा और भारतीय किसान को श्रेष्ठ स्वरूप प्रदान करने के लिए एकजुट किए जो आज के युग में भी प्रेरणा देती है।
श्री सुखदेव सिंह सामान्य समिति के महिला सेल सचिव श्रीमती सुनीता देवी ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती हमारे आदर्श हैं। वह आज होते तो भारतीय समाज का स्वरूप कुछ और होता।
इस अवसर पर अधिवक्ता राजेंद्र महतो, जिला अध्यक्ष जेपी सेनानी ने कहां की स्वामी सहजानंद तत्कालीन समाज वादी और पूंजीवादी से भारतीय जनता को मुक्ति दिलाने का जो कार्य किया वह अनुकरणीय है। पहले के जमींदार प्रथा तथा आज के पूंजीवादी व्यवस्था को वह समाप्त करना ही स्वामी सहजानंद की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर छात्र अनिकेत कुमार पाठक, दिव्यांशु कुमार , आंचल कुमारी, इंजीनियर खुशी सिंह ,छात्र अभिषेक पाठक आदि ने स्वामी सहजानंद सरस्वती को नमन किया एवं उन्हें याद किया।


