बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बरौनी के तत्वावधान में बरौनी रिफाइनरी द्वारा राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, बरौनी में ‘आधुनिक भारत का नवनिर्माण और विवेकानंद’ विषय पर हिन्दी व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए बीएचयू हिन्दी विभाग के पूर्व आचार्य अवधेश प्रधान ने कहा कि “विवेकानंद का मानना था कि भविष्य का निर्माण वास्तव में युवाओं के हाथ होता है। आधुनिक भारत में सबसे अधिक भरोसे का प्रकाश विवेकानंद के पास ही दिखलाई पड़ता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य की मनुष्यता इस बात में है कि वह कितना उदार है। उनका मानना था कि केवल किताबों से जीवन के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता है, मन की एकाग्रता बहुत जरूरी है। यही शिक्षा का सबसे बड़ा द्वार है। भारत के नवनिर्माण के संदर्भ में विवेकानंद का स्पष्ट मानना था कि जाति, छुआछूत और बाल विवाह से मुक्त हुए बगैर हम आधुनिक भारत का निर्माण नहीं कर सकते हैं। केवल शिक्षा है जिसके जागरण से हम आत्मनिर्भर बनकर एक बेहतर भारत का निर्माण कर सकते हैं।
विवेकानंद से अनुशासन और अनुशीलन को आत्मसात करते हुए स्वयं, अपने समाज और अपने राष्ट्र की उन्नति में योगदान दें।“
इस संगोष्ठी का संयोजन राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, बरौनी में प्रवक्ता युवा कवि सुधांशु फिरदौस ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य श्री सुशील कुमार के स्वागत वक्तव्य से हुआ। श्री कुमार ने इस आयोजन के लिए बरौनी रिफाइनरी प्रबंधन का आभार प्रकट किया और भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रम की आशा व्यक्त की।
एसबीएसएस कॉलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ नीलेश कुमार ने प्रोफेसर अवधेश प्रधान के व्यक्तित्व और कृतित्व के ऊपर अपने विचार को रखा। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बरौनी के सदस्य सचिव सह वरिष्ठ हिन्दी अधिकारी, बरौनी रिफाइनरी श्री शरद कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर पॉलिटेक्निक कॉलेज के पूर्व प्राचार्य श्री दिवाकर प्रसाद सिंह, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।