बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
चखहमीद आजाद लाइब्रेरी में स्वतंत्रता सेनानी बज्र मोहन शर्मा जी की 110 वी जयंती मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता अजाद लाइब्रेरी के सचिव डॉक्टर एमएम रहमानी ने की। इस अवसर पर चखहमीद के पूर्व मुखिया, जदयू के बरिष्ठ नेता मोहम्मद अब्दुल हलीम ने कहा की महान स्वतंत्रता सेनानी, भूदान आंदोलन के मसीहा को सत-सत नमन। जिन्होंने लगभग 20 किताबें लिखें हैं। जिसमें बेगूसराय इतिहास के स्वतंत्रता सेनानी के बारे में प्रकाशित की गई है।
इस अवसर शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बज्र मोहन शर्मा जी की 110 वीं जयंती आज ही के 1912 में उनका जन्म हुआ। उनका ग्राम शम्भो और उनके पिता का नाम अद्भुत शर्मा है। छात्र जीवन में गांधीजी से प्रभावित होने पर राष्ट्रीय भावना जाएगी। 1928 से सार्वजनिक जीवन में प्रवेश युवा संगठन अछूतद्वार तथा चरखा प्रचार का काम किया। 1930 में मटिहानी के नमक सत्याग्रह में सक्रिय सहयोग दिया। वषों मुंगेर जिला शिक्षक संघ से जुड़े रहे। 1942 कि क्रांति में शिक्षक से इस्तीफा दे कर वो क्रांति में शामिल हो गए। 1943 तक भूमिगत रहे। जेल में 1 वर्ष भागलपुर जेल में नजरबंद रहे। 1946 से 1953 तक सबडिवीजन रचनात्मक समिति, कांग्रेस कमेटी, सबडिविजनल कांग्रेस कमेटी एवं बेगूसराय थाना कांग्रेस कमेटी के मंत्री रहे। 1954 में कांग्रेस से त्यागपत्र देकर भूदान आंदोलन में विनोबा जी के आह्वान पर शामिल हुए। 1958 से 1962 तक संपूर्ण बिहार में 12000 मील की तीन बार पदयात्रा की । 1965 से 1968 तक जिला ग्राम दल प्रापित समिति के प्रधान मंत्री रहे।
अध्यक्ष संबोधन में डॉक्टर डॉ एम० एन ने कहा कि बज्र मोहन शर्मा जी भूदान आंदोलन में विनोबा जी के साथ बखरी आए और सलोना महंत से जमींदार लेकर गरीबों के बीच बांटा ।ऐसे महापुरुष को सत सत नमन।
इस अवसर पर शिक्षक कमल जावेद , मोहम्मद जाहिद हुसैन तन्वी, शिवतुल्ला, हामिद के पुस्तकालय के गार्ड साहब अनेकों ने उनके तैलीय चित्त पर माल्यार्पण की।