बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
सर्वोदय नगर स्थित सुखदेव सभागार में दुर्गम पथ के यात्री स्वामी विवेकानंद की 159 वीं जयंती युवा दिवस के रूप में मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता अमरेन्द्र कुमार सिंह ने की।
कार्यक्रम को अध्यक्षीय संबोधन में शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि स्वामी जी का जन्म 12 जनवरी 1863 कोलकत्ता में हुआ था ,जिनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। वे अमेरिका , ब्रिटेन, जर्मनी, रूस, पूर्वी यूरोप, आदि देशों की यात्रा किये थी। उनका मृतु 4 जुलाई 1902 ईस्वी अल्प आयु में हो गया।उन्होंने वेदान्त के संदेशों को दुनिया मे फैलाया और विवेक जी सांस्कृतिक अभियान में महिलाओं का योगदान पर भी अपना विचार वक़्त किया। ऐसे महान पुरुष को सत- सत नमन ।
इस अवसर पर प्रोफेसर अशोक यादव ने कहा कि स्वामी जी एक महान आत्मा की महान खोज थे ।वे देश के सच्चे हीरे थे। एक उत्कृष्ट जोहरी ही सच्चे हीरे को पहचान सकता है। यह जोहरी कोई और नही स्वयं राम कृष्ण परमहंस थे। उनके दिव्य दृष्टि परी और नरेंद्र नाथ से स्वामी विवेकानंद हो गए। ऐसे महान पुरुष को सत सत नमन।
इंजीनियर आलोक कुमार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद अतुल्नीय वक्तित्व के मसीहा थे। प्रतिभाशाली तो और भी हुए पर वे प्रतिमा के प्रकाश स्तंभ रहे। वे दुर्गम पथ के यात्री थे। वह देश धन्य है जिसने स्वामी जी जैसे संत को जन्म दिया। पर सबसे धन्य वो हैं जिन्हें उनके चरण का आश्रय मिला।
दधीचि देहदान समिति के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार राय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद हमारे देश के वैसे संत थे जिन्होंने विदेश में जाकर अपना नाम रोशन किया। ऐसे महान देशभक्त को शत शत नमन।
समाज सेवी शिक्षिका अर्चना कुमारी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद हमारे देश के ऐसे सपूत थे, जिन्हें अमेरिका की धरती पर पैर रखने के बाद पता चला की धर्म सम्मेलन जुलाई में नहीं बल्कि सितंबर में होगा तो वहां उनको एक एक दिन काटना बहुत कठिन हो रहा था। ऐसे समय में श्रीमती केट सेन बोर्न का बड़ा योगदान मिला। वे एक ऐसे महान वयक्ति थे जिन्होंने शिकागो में जाकर जीरो पर भाषण देकर विश्व मे नाम कमाया। ऐसे महान नेता को शत शत नमन।
बाल कलाकार आर्यन राज ने कहा कि स्वमी विवेकानंद हमारे देश के महान नेता थे, उन्हें मेरा सत सत नमन।
इस अवसर पर इंजीनियर खुशी सिंह, महिला सेल सचिव सुनीता देवी ,छात्रा आनाय कुमारी, आसमा कुमारी ,आँचल कुमारी, कन्हैया कुमार, कृष्णा कुमार आदि ने अपना अपना विचार वक़्त किया।