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विश्वविद्यालय बचाओ संघर्ष मोर्चा ने कराया कॉलेजो को बन्द, कुलपति-कुलसचिव की बर्खास्तगी तक आन्दोलन जारी रखने का किया ऐलान

 

 

बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।

विश्वविद्यालय बचाओ संघर्ष मोर्चा के मिथला विश्वविद्यालय बन्द के आह्वान पर छात्र संगठन एआईएसएफ, आईसा और छात्र राजद के कार्यकर्ताओं ने कुलपति-कुलसचिव हटाओ विश्वविद्यालय-बचाओ अभियान के तहत मिथला विश्वविद्यालय बन्द के मौके पर शहर के विभन्न कॉलेजों को बंद करवा कर प्रदर्शन किया।

जिसका नेतृत्व संयुक्त रुप से AISF के जिला अध्यक्ष अमरेश कुमार, अइसा का जिला अध्यक्ष अजय, छात्र राजद के नेता अमर आज़ाद ने किया।
छात्रों का हुजूम सबसे पहले कॉपरेटिव कॉलेज पहुच कॉलेज को बंद करवाया। फिर वहां से बाइक जुलूस निकाला जो जीडी कॉलेज और महिला कॉलेज पहुँच कॉलेज पर प्रदर्शन किया।

इस मौके पर छात्रों ने भ्रष्ट कुलपति और कुलसचिव सहित राज्यपाल की इस्तीफा की मांग कर रहे थे। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन, राजभवन व बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

मौके पर सभा को संबोधित करते हुए एआईएसएफ के राज्य अध्यक्ष अमीन हमजा ने कहा कि वर्तमान में केंद्र-राज्य सरकार व राजभवन बिहार के उच्च शिक्षा को अपना चारागाह समझ रखी है। राज्यपाल से लेकर बिहार के सभी विश्वविद्यालय के कुलपति विश्वविद्यालय को लूट का अड्डा बना कर छोड़ दी है। सभी कुलपति व कुलाधिपति को छात्र कर्मचारी व शिक्षक हितों से कोई मतलब नहीं है ये लोग सिर्फ शिक्षा के मंदिर विश्वविद्यालय को लूट का दुकान बना कर रख दी है। बिहार के विश्वविद्यालयों में कुलपति व कुलसचिव के द्वारा किए गए लूट के कारण बिहार के उच्च शिक्षा पूरे देश दुनिया में बदनाम हो गई है।

बिहार के विश्वविद्यालयों से उच्च शिक्षा लेकर जब छात्र बाहर निकलते हैं तो उन्हें नौकरी नहीं मिलती। वही मिथिला विश्वविद्यालय में डाटा सेंटर व विश्वविद्यालय के आपसी लड़ाई के कारण विश्वविद्यालय में नामांकित छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। विगत 1 महीने से डाटा सेंटर में ताला लगा हुआ है जिस कारण छात्रों के परीक्षा फॉर्म, नामांकन व रिजल्ट में देरी हो रही है। कई महीनों से डिग्री पार्ट थर्ड का परीक्षा परिणाम लंबित है। जिसके कारण दूसरे बड़े केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित बाहर के विश्वविद्यालय के नामांकन परीक्षा व नौकरी निकाल कर बैठे छात्र परीक्षा परिणाम नहीं आने के कारण दूसरे जगह ना तो नामांकन ले पा रहा है और ना ही नौकरी ले पा रही है।

इससे साफ जाहिर होता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। वही पूरे बिहार में मिथिला विश्वविद्यालय का सत्र नियमित था। इस झगड़े के कारण सत्र भी अनियमित हो गया है। वही वक्ताओं ने कहा कि मिथिला विश्वविद्यालय में भी बड़े पैमाने पर आर्थिक लूट हुई है। परीक्षा विभाग के अकाउंट से शिक्षा माफियाओं के अकाउंट पर सीधा पैसा ट्रांसफर किया गया है। वही टेंडर में भी बड़े पैमाने पर लूट हुई है।

कुलसचिव के द्वारा डेली वेजेस मजदूरों की भर्ती में भी मोटी रकम की उगाही की गई है। छात्र नेताओं ने कहा कि अगर कुलसचिव व कुलपति की बर्खास्तगी या इस्तीफा नहीं होता है तो फिर आगे सभी छात्र संगठन आम छात्रों को लामबंद कर विवश होकर उग्र आंदोलन करेगी।

इस प्रदेशन को एआईएसएफ के राज्य अध्यक्ष अमीन हमज़ा, आइसा के पूर्व राज्य उपाध्यक्ष वतन कुमार,फहीम आलम,सोनू फर्नाज़, केसर रेहान,राजा कुमार,अनन्त कुमार,सैफ नबाब और जहांगीर आलम आदि ने संबोधित किया।

By National News Today

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