बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
शहनाई वादक भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान साहब की 15वीं स्मृति दिवस शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति कार्यालय में मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने की।
अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बिस्मिल्लाह खान का जन्म 21 मार्च 1916 को हुआ था। इनका जन्म बक्सर जिला के डुमराव गांव में हुआ था। बचपन के बाद उन्होंने अपने मामू अली बक्सर के शागिर्द में बनारस में रहने लगे। वह शहनाई वादक के रूप में ना केवल बिहार में ही बल्कि भारत में भी अपना नाम कमाया। बिस्मिल्ला ख़ां को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। ऐसे महान उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को सत सत नमन।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नगर निगम के पूर्व मेयर आलोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खां जो वाराणसी को छोड़कर कहीं और जाना पसंद नहीं करते थे। वर्ष 2013 में श्रीवास्तव ने अपने “शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान “की नींव रखी जो उस्ताद बिस्मिल्लाह खां पर कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। बिस्मिल्लाह खान का जन्म 21-03- 1916 में हुआ था और मृत्यु आज ही के दिन 2006 में वाराणसी में हुआ।
अपना विचार व्यक्त करते हुए साहित्यकार डॉ चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि बिस्मिल्ला खां हमारे देश के शान थे।
मोहम्मद जुल्फकार अली जदयू के अल्पसंख्यक सेल के जिला महासचिव ने शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को शत-शत नमन किया।
इस अवसर पर सुशील कुमार राय, देहदान समिति के अध्यक्ष ने बिस्मिल्लाह खान जी के जीवनी पर प्रकाश डाला और कहा कि ऐसे शहनाई वादक को मेरा शत-शत नमन।
इस अवसर पर राजेंद्र महतो अधिवक्ता, अनिकेत पाठक सहित अनेकों ने उनके तेलीय चित्र पर माल्यार्पण किया।