बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।।
जी0डी0 कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बैठक आयोजित कर बेगूसराय जिले की शिक्षा व्यवस्था एवं संगठन के कार्यों पर चर्चा की गई।
बैठक में जानकारी देते हुए संगठन के पूर्व राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अजित चौधरी ने कहा कि बिहार में सुशासन बाबू की सरकार जो जीरो टॉलरेंस की बात करती है आज वह भ्रष्ट पदाधिकारियों की संरक्षक बनी हुई है। बेगूसराय के पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी वर्तमान में पूर्णिया जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी श्यामबाबू राम का मामला इसी का एक नमूना मात्र है।
बेगूसराय जिले के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी श्यामबाबू राम ने अपने पद, प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए विभागीय नियमों के विपरीत गलत रूप से दर्जनों शिक्षकों का स्थानांतरण, अपने दामाद को गलत रूप से लाभ देते हुए विद्यालय का प्रधानाध्यापक बनवाने जैसे अनेकों गलत कार्य किये थे।
जिसपर ABVP छात्र संगठन ने आंदोलन करते हुए जिलाधिकारी से उपरोक्त कार्यों के जांच की मांग की थी।
जिलाधिकारी, बेगूसराय के आदेश पर तत्कालीन उप विकास आयुक्त, बेगूसराय ने श्याम बाबू राम के खिलाफ अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमे उन्होंने बिंदुबार जांच करते हुए कई बिंदुओं पर उन्हें दोषी पाते हुए विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा की थी। लेकिन इस जांच रिपोर्ट को 2 वर्षों तक दबा कर रखा गया। जो जांच का विषय है कि आखिर पर्दे के पीछे कौन है। जो इस भ्रष्ट पदाधिकारी को बचा रहा है। जबकि बिहार में सुशासन बाबू की सरकार जीरो टोलरेंस की बार करती है।
विदित हो कि शराबबंदी के बावजूद श्याम बाबू राम की गाड़ी में शराब बरामद हुआ था उसकी भी जांच लंबित है।
संगठन के राज्यकरकरिणी सदस्य सोनू सरकार ने कहा बेगूसराय के तत्कालीन उप विकास आयुक्त ने ABVP छात्र संघ की मांग पर अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि श्यामबाबू राम ने जिलाशिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के पद पर रहते हुए जून-जुलाई के जगह विभागीय नियमों के विपरीत मार्च में गलत रूप से दर्जनों शिक्षकों का ट्रांसफर किया है।
वहीं एक ही दिन में सारे आदेश देकर गलत रूप से अपने जमाई (दामाद) दिलीप पासवान को बाघा विद्यालय का प्रधानाध्यापक बनवाने का कार्य किया था।
वहीं जांच रिपोर्ट में गलत रूप से पैसे लेकर शिक्षकों का प्रतिनियोजन करने, कार्यालय में अन्य कर्मियों को दरकिनार कर अपने चहेते कर्मी से ही सारे महत्वपूर्ण फाइलों को डील करवाने के मामले में भी दोषी पाए गए हैं। उपरोक्त बिंदुओं पर इनके ऊपर विभागीय कार्यवाही करने हेतु अनुशंसा की गई है।
संगठन की ओर से आवेदनकर्ता अभिगत कुमार ने कहा कि तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू राम ने गलत रूप से आय से अधिक अकूत संपत्ति अर्जित की है। सरकार इसकी भी जाँच करवाए। ये जहां जहां भी शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के रूप में रहे वहाँ वहाँ इनके ऊपर भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। विभाग उन सारे मामलों की जांच करावे।
कॉलेज मंत्री आदित्य कुमार ने कहा कि संगठन की मांग एवं आंदोलन पर महामहिम राज्यपाल महोदय के आदेश से श्यामबाबू राम पर राज्य स्तर से प्राथमिक शिक्षा निदेशक एवं RDD मुंगेर के नेतृत्व में जॉच टीम गठित की गई थी। जिसपर समय बीतने के पश्चात भी कार्यवाही लंबित है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सरकार से मांग करती है कि अविलंब इस भ्रष्ट पदाधिकारी पर कार्यवाही करते हुए बर्खास्त करें नही तो छात्र संगठन पुनः चरणबद्ध एवं क्रमबद्ध आंदोलन प्रारंभ करेगी।
बैठक में संगठन के पूर्व राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अजित चौधरी, राज्य कार्यकारिणी सदस्य सोनू सरकार, कॉलेज मंत्री आदित्य कुमार, अभिगत कुमार, अंशु कुमार सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।