गढ़हरा, बेगूसराय, रविशंकर झा।।
आर्य समाज मंदिर बारों के प्रांगण में मंगलवार की शाम स्वामी दयानंद प्रभात शाखा के स्वयंसेवकों के द्वारा गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। जिसमें नगर सह कार्यवाह गोविंद आर्य व बस्ती प्रमुख राकेश कुमार के नेतृत्व में सुभाषित, एकल गीत एवम् विधिवत कार्यक्रम किया गया।
बौद्धिक सत्र में जिला सह बौद्धिक प्रमुख विश्वकेतू निशांत ने कहा कि संघ में छह उत्सव में से एक गुरु पूर्णिमा उत्सव है, इसका एक विशेष महत्व है। 1 वर्ष में 12 बार चंद्रमा पूर्ण रूप में पूर्णिमा के दिन होते हैं इसका अलग अलग महत्व है। उसी में से आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा एवं व्यास पूर्णिमा होता हैं।
भारतवर्ष में गुरु का एक विशेष महत्व रहा है। संघ के स्वयंसेवक गुरु के रूप में परम पवित्र, तत्व रूप में विराजमान भगवा ध्वज को अपना गुरु मानते हैं। भगवा ध्वज समर्पण, त्याग एवं शौर्य का प्रतीक है। भगवा ध्वज दो रंग लाल और पीला रंग के मिलने से भगवा रंग का निर्माण होता है। जिसमें लाल रंग कभी ना हार मानने का प्रतीक एवं पिला रंग त्याग व समर्पण का प्रतीक है।
मौके पर जिला प्रचार प्रसार प्रमुख रजनीश कुमार, नगर शारीरिक प्रमुख कन्हैया कुमार, प्रार्थना वाचक हरिओम कुमार, स्वयंसेवक विष्णु कुमार , सुखेन कुमार, संदीप कुमार रवि कुमार , संतोष कुमार ,चंदन वरिष्ठ स्वयंसेवक नंदकिशोर गुप्ता सहित दर्जनों स्वयंसेवक उपस्थित थे।