भगवानपुर, बेगूसराय।
लगभग 15 वर्षो से प्रतिवर्ष बनबारीपुर मे नवाह यज्ञ तथा ज्ञानकथा का कर रहे थे आयोजन
लोग किस पर विश्वास करे ? इस घोर कलयुग काल मे। आज सारे रिश्ते तार तार हो रहे हैं । आधुनिकता के इस दौर मे बाप बेटी , भाई बहन यहाँ तक कि जन्म देने वाली मां के साथ भी इस घोर कलयुग का पापी पुत्र पाप करने से नही घबराता। गुरू भी शिष्य शिष्या के लिए पिता समान होते हैं, लेकिन आज के ढोंगी बाबा धर्म की आर मे जो कुकर्म कर रहे हैं वह जग जाहिर हो रहा है आज भी एक ढोंगी बाबा के काले करतूत से प्रखण्ड क्षेत्र के लोग मर्माहत है । लगभग एक पखवाड़ा पूर्व अपनी शिष्या संग फरार प्रखंड क्षेत्र के चकदुल्लम बनवारीपुर गाँव स्थित शांति गुरुकुल राघवेंद्र आश्रम के संचालक सह महंत रामस्वरूप शरण जी महाराज के नाम से प्रसिद्ध रामाधार चौरसिया को भगवानपुर थाना की पुलिस गुप्त सूचना के आधार पर पूर्वी चंपारण जिले के हिन्दू चकिया थाना क्षेत्र के चकिया गांव स्थित सुबोध चौरसिया के घर के बंद कमरे मे रंगरैलिया मनाते हुए दोनो को गिरफ्तार किया ।
उक्त संदर्भ मे शिष्या की मां बनवारीपुर निवासी भगवानपुर थाना मे उक्त बाबा पर अपनी बेटी को बहला फुसला कर भगा ले जाने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी । उक्त मामले मे शिष्या की मां ने बताया कि रामाधार चौरसिया ने विगत मार्च महीने मे आश्रम मे आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा ज्ञान यज्ञ के दौरान मुझ से कहा था कि तुम्हारी बेटी मेधावी छात्रा है इसलिए इसे कथावाचिका बनाने के लिए हमे दे दो । मैने अपनी बेटी को कथावाचिका हेतु देने से इंकार कर दिया । तब रामाधार चौरसिया ने कहा कि हम आपकी बेटी को इतना सम्मोहित कर दूंगा कि वह पागल हो जायेगी । कुछ समय बाद वही हुआ और रामाधार मेरी बेटी को बहला फुसला कर लेकर फरार हो गया , वहीं पीड़ित शिष्या ने कहा कि यज्ञ के दौरान ही बाबा हम पर कथावाचिका बनने के लिये दबाव बनाने लगे । और एक दिन दबाव बनाकर हमें पूर्वी चंपारण ले आये और हमारे साथ मारपीट कर जबर्दस्ती करने का प्रयास करने लगे । इधर प्राथमिकी दर्ज होने के उपरान्त पुलिस गिरफ्तार करने के लिए इधर-उधर हाथ पांव मार रही थी कि इसी बीच गुप्त सूचना के आधार पर थाना के एएसआई आमोद कुमार सिंह के नेतृत्व मे पुलिस बल रात मे उक्त गाँव मे छापेमारी कर रंगे हाथ दोनो को गिरफ्तार कर भगवानपुर थाना लाये । प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त बाबा का शांति गुरुकुल राघवेंद्र आश्रम चकदुल्लम बनवारीपुर के अलावा तीन अन्य प्रदेश मे आश्रम संचालित हो रहे हैं । उक्त बाबा के सौजन्य से उक्त आश्रम मे लगभग 15 वर्षो से ज्यादा से प्रतिवर्ष रामार्चा यज्ञ, सीताराम संकीर्तन नवाह यज्ञ सह ज्ञान कथा का आयोजन होता रहा है । इस कुकृत्य से बाबा के दर्जनो शिष्य तो मर्माहत हैं ही क्षेत्र के लोग छी छी भी कर रहे हैं । वर्षो की कमाई एक भूल के कारण ?