बेगूसराय, विजय कुमार सिंह।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रखर क्रांतिकारी शहीद मंगल पांडेय को उनके 164 वें शहादत दिवस पर गुरुवार को उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया गया।
इस मौके पर सुखदेव सिंह समन्वय समिति द्वारा सर्वोदय नगर स्थित सुखदेव सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मंगल पांडेय 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया में पैदा हुए और आज ही के दिन 1857 में उन्हें फांसी दी गई थी। वीर भगत सिंह, खुदीराम बोस, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, बटुकेश्वर दत्त एवं वीर कुंवर सिंह समेत हजारों सपूतों ने देश की आजादी में अपनी कुर्बानी दी।लेकिन, मंगल पांडेय की शहादत इन सबसे ऊपर और अलग थी।अंग्रेजी फौज में रहते हुए भी मंगल पांडेय ने अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति का बिगुल फूंका था और उसी बिगुल से हुए शंखनाद ने क्रांति को एक नई दिशा दी।
राजद के प्रदेश महासचिव प्रो. अशोक कुमार यादव ने कहा कि मंगल पांडेय भारतीय संग्राम के प्रथम पंक्ति के क्रांतिकारी शख्स थे। उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी।
साहित्यकार डॉ. चंद्रशेखर चौरसिया ने कहा कि मंगल पांडेय ने 1857 में पहले जंग का आगाज किया था और अपनी बंदूक से अंग्रेज लेफ्टिनेंट एवं सार्जेंट मेजर को मार गिराया था।
जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष बुनकर प्रकोष्ठ अब्दुल हलीम ने कहा कि मंगल पांडे देश के लिए पहला क्रांतिकारी योद्धा है जिन्होंने अंग्रेजों का छक्का छुड़ा दिया। तमाम क्रांतिकारी हिंदू मुस्लिम मिलकर अंग्रेजों का छक्का छुड़ा दिए।
इस अवसर पर डॉक्टर शैलेंद्र कुमार सैनी के प्रदेश महासचिव, राजेंद्र महतो अधिवक्ता, अनिकेत पाठक, अनाया कुमारी अनेकों ने मंगल पांडे के चित्र पर माल्यार्पण किया।