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राष्ट्रीय शिक्षा नीति दो सौ वर्षों से चले आ रहे शिक्षा की गुलामी से मुक्ति की नीति – अजित

बेगूसराय ::–

विजय कुमार सिंह

23 फरवरी 2021, मंगलवार

जिले में मंगलवार को नीति आयोग एवं डाइट के संयुक्त तत्वावधान में बेगूसराय के शाहपुर स्थित डायट परिसर में एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल के प्रांतीय उपाध्यक्ष अजीत कुमार ने आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के कारण देश 2020 में परेशान रहा, लेकिन कई अच्छी कड़ी भी दिए। इसी कड़ी में एक है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति दो सौ वर्षों से चले आ रहे शिक्षा की गुलामी से मुक्ति की नीति और मैकाले मुक्त शिक्षा पद्धति की नींव है।

उन्होंने कहा कि भारतीय मूल्यों पर आधारित यह शिक्षा नीति शिक्षा के मूल्यों को बदलकर भारत को परम वैभव तक पहुंचाने वाली है। किसी भी देश की दिशा उसके शिक्षा नीति पर निर्भर करता है और 29 जुलाई 2020 को लागू की गई यह नीति शिक्षा व्यवस्था को उच्चतम स्तर पर पहुंचा कर भारत को विश्व गुरु बनाने वाला साबित होगा। यह सच्चे अर्थ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति है, सांस्कृतिक अर्थ में भी यह शिक्षा नीति राष्ट्रीय है। इसमें भारत की मौलिक विचारधारा के अनुरूप अनेक बातें दिखाई देती है।
सेमिनार को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के संयुक्त सचिव सुरेश प्रसाद राय ने कहा कि शिक्षक के बगैर राष्ट्र के विकास की परिकल्पना नहीं हो सकती है। इस शिक्षा नीति में अच्छी ही नहीं सच्ची शिक्षा पर बल दिया गया है। सिर्फ शिक्षा ही नहीं, शिक्षकों के हित का भी ध्यान रखा गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डाइट के प्राचार्य पूनम चौधरी एवं संचालन व्याख्याता लव कुमार ने किया। भारतीय शिक्षण मंडल का परिचय विस्तारक श्रवण कुमार तथा ध्येय वाक्य एवं संगीत का पाठ किया शिक्षिका रंजना सिन्हा ने किया।

By National News Today

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