बेगूसराय ::–
विजय कुमार सिंह ::–
30 सितम्बर 2020, बुधवार
बिहार की सांस्कृतिक राजधानी बेगूसराय में पिछले कई महीनों से कोरोना की वजह से घरों में रहने को मजबूर डरे और सहमे लोग और उसके बीच ठहरी हुई रंग गतिविधियां यहां के क्रियाशील रंगकर्मियों को रंगप्रेमी दर्शकों के बीच आने नहीं दे रही थी।
इस बुरे समय में कोरोना से बचाव हेतु आवश्यक दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए जानी मानी रंग संस्था द प्लेयर्स एक्ट ने अपनी नवीनतम नाट्य प्रस्तुति को प्रस्तुत करने का साहस किया है। विजय तेंदुलकर की मूलरचना और सरोजनी वर्मा द्वारा रूपांतरित नाटक ,”पंछी ऐसे आते हैं” की शानदार प्रस्तुति का बेगूसराय आई टी आई सभागार, लभरचक, रामदीरी में सोशल डिस्टेंस और मास्क के साथ सीमित संख्या में उपस्थित रंगदर्शकों ने आंनद लिया।
प्रस्तुति के पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन वरिष्ठ रंग निर्देशक अवधेश, चित्रकार सीताराम, कवि प्रफुल्ल मिश्रा और रंग निर्देशक अमित रौशन ने संयुक्त रूप से दीप प्र्ज्वलित कर किया।
संस्था सचिव चन्दन कुमार सोनू ने अंग वस्त्र से मंचस्थ अतिथियों का सम्मान किया। अपने उद्गार में अतिथियों ने संस्था के साहसिक प्रयास के लिए साधुवाद दिया और कलाकारों को शुभकामनाएं दी। हर परिवार की कहानी और हर लड़की की मनःस्थिति के शानदार प्रस्तुतीकरण और कलाकारों के लाजवाब अभिनय ने दर्शकों को अंत तक बांधे रखा।
अरुण की भूमिका में कुंदन सिन्हा, बाबूजी की भूमिका में मोहित मोहन, पिंकी की भूमिका में सचिन कुमार, सरू/मां की भूमिका में पायल जायसवाल और मां/सरु की भूमिका में सत्यकेती, विश्वाश की भूमिका में हीरा तंजीम और सूत्रधार की भूमिका में गुंजन सिन्हा ने अपने शसक्त अभिनय से नाट्य प्रस्तुति को जीवंत बना दिया।
कोरस के रूप में अनिकेत वर्मा, सौरभ, संदीप और रूपेश ने उत्कृष्ट योगदान दिया। रमण चन्द्र वर्मा के बेहतरीन सेट डिजयान, चिंटू कुमार की प्रकाश परिकल्पना और हरिकिशोर ठाकुर के पार्श्व संगीत ने नाटक को गतिशीलता प्रदान की। मंच संचालन दीपक कुमार ने किया। कुल मिला कर लंबे अंतराल के बाद युवा रंग निर्देशक गुंजन सिन्हा के परिपक्व निर्देशन में दर्शकों को एक बेहतरीन नाट्य प्रस्तुति को देखने का सुअवसर मिला।




