न्यूज डेस्क ::–
बेगूसराय ::–
29 जून 2020 सोमवार
बेगूसराय में राजकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य पर एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाते हुए महिला थाना में न्याय की गुहार लगाते हुए आवेदन दी है।
राजकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय की एक विधवा कर्मी ने प्राचार्य डॉ. उमाशंकर चतुर्वेदी पर संगीन आरोप लगाते हुए महिला थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाते हुए आरोप लगायी है कि नौकरी से बचाने और शादी का झांसा देकर प्राचार्य पिछले कई वर्षों से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाते आ रहे हैं।
जब वह गर्भवती हो गई तो प्राचार्य ने गर्भपात कराने की सलाह देते हुए शादी का भरोसा दिया। लेकिन अंत में वे मुकर गए। सगे संबंधियों, नाते-रिश्तेदारों के साथ जब पीड़िता प्राचार्य के पास पहुंची तो प्राचार्य ने शादी से इनकार कर दिया। तब आज पीड़िता महिला थाना पहुंचकर न्याय की गुहार लगाते हुए आवेदन दी है।
महिला थाना में दिए आवेदन के अनुसार 2017 से ही प्रिंसिपल विधवा का यौन शोषण करते आ रहे हैं।
आयुर्वेदिक कॉलेज में जिले के ही एक विधवा महिला फरवरी 2017 से ही अनुबंध के रूप में कार्यरत है। अप्रैल 2017 में प्रिंसिपल साहब ने उक्त कर्मी को अपने बाघा स्थित किराए के आवास पर बुलाकर नियमित भोजन बनाने हेतु दबाब बनाना शुरू कर दिया। खाना बनाने से इनकार करने पर नौकरी से निकाल देने की धमकी देकर मजबूरन खाना बनाने के लिए तैयार हुई।
एक दिन महिला चाय पीने के बाद बेहोश हो गई जब देर रात महिला की नींद खुली तो वह अर्धनग्न अवस्था में थी तब उसे अहसास हुआ कि प्रिंसिपल साहब ने उसके साथ धोखे से शारीरिक संबंध बनाने में सफल हो गए हैं। जब महिला ने इसके प्रतिकार स्वरूप कानून का सहारा लेने की बात कही तो प्राचार्य ने उसे नौकरी से निकालने की धमकी देते हुए कहा कि अगर वह नियमित शारीरिक संबंध बनाएगी तो वे उसके साथ शादी कर उसे पत्नी का दर्जा दे देंगे। चूंकि महिला विधवा थी और वह प्रिंसिपल के कुचक्र में फंस गई। यह सिलसिला लगातार जारी रहा। जब महिला शादी की बात कहती तो वे टालमटोल का रवैया अपनाते रहे।
लॉक डाउन की अवधि में भी दोनों के बीच शारीरिक संबंध बनते रहे लेकिन शादी के सहमति की बात बिगड़ गई। महिला थाना को दिए आवेदन में पीड़िता ने बताया कि पटना आयुर्वेदिक कॉलेज की एक महिला प्रोफेसर के साथ भी प्रिंसिपल के अवैध संबंध थे। वह बेधड़क उनके आवास पर पहुंच जाती और दोनों रंगरेलियां मनाते। जब पीड़िता ने इसका प्रतिरोध किया तो प्रिंसिपल ने कहा कि वे उक्त प्रोफेसर से शादी करेंगे।
इसी बीच पीड़िता को पता चला कि वह छह महीने की गर्भवती है तो उसने प्रिंसिपल पर शादी करने का दबाब बनाना शुरू कर दिया। प्रिंसिपल और महिला प्रोफेसर के साथ कॉलेज का एक कंपाउंडर भी जबरन उसे गर्भपात कराने का दबाब देने लगे लेकिन वह तैयार नहीं हुई।पीड़िता ने एक दिन अपने नाते-रिश्तेदार और सगे- संबंधियों को लेकर जब प्रिंसिपल के पास पहुंची तो उन्होंने पंद्रह दिनों का समय मांगा। लेकिन अवधि बीत जाने के बाद वे शादी करने से साफ मुकर गए। अंत में पीड़िता विधवा आज महिला थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।
आम आदमी पार्टी के संगठन सचिव अभिषेक जायसवाल ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि महिला थाना पीड़िता के आवेदन को लेने से भी कतरा रही है तो वे खुद महिला को लेकर वहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस का रवैया बिल्कुल गलत है। आम आदमी पार्टी पुलिस प्रशासन से मांग करती है कि दोषी की अविलम्ब गिरफ्तारी, पीड़ित महिला को सुरक्षा एवं उसकी इलाज की समुचित व्यवस्था हो अन्यथा आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को राज्यस्तरीय जन-आंदोलन का रूप देकर पीड़िता को न्याय दिलाएगी।

