भोजपुर(आरा) ::–
बबलू कुमार-
05 मई 2020 मंगलवार
भाकपा-माले समेत वाम दलों द्वारा प्रवासी मजदूरों से घर पहुंचाने के एवज में उनसे पैसा वसूलने के सरकार के आदेश और टालमटोल के खिलाफ और इस मजदूर और मानवता विरोधी कदम के खिलाफ खिलाफ वाम दलों ने 5 मई को लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए 11 बजे से 3 बजे तक धरना देने का आह्वान किया।
इसके तहत भोजपुर के गड़हनी प्रखंड के दर्जन भर घरों और पार्टी कार्यालय में धरना दिया गया। इस धरना में इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य मनोज मंजिल भी गांव बलिगांव में शामिल हुए।
गड़हनी के माले कार्यालय पर धरना में सचिव नवीन कुमार , वरिष्ठ नेता इंद्रदेव राम , विशेश्वर पासवान , वासुदेव सिंह बैठे। बर-मोहल्ला के घर में शाहीन बाग संचालक अमीन भारती , जफर रजा , मंजूर रजा , ऐपवा नेत्री सलमा , कादिर और जमाल बैठे।
गड़हनी में ही डेवढ़ी में जनकवि निर्मोही , कुरकुरी में खेग्रामस नेता राम छपित राम , इनौस नेता सोनू , हरिनारायण , काउप गांव में नेता भीम पासवान , मुखिया कलावती देवी , आइसा नेता उज्जवल , रितेश बैठे।
इसके अलावा आनंद , अमित , विशाल , बिट्टू भी धरना पर अपने घर गड़हनी बीचली पट्टी , बलिगांव और इचरी में बैठे।
मंजिल ने कहा कि कार्यक्रम में एक जगह जमा नहीं होना है और शारीरिक दूरी बनाकर रखना है. बहुसंख्यक गरीब ही भारत ही नहीं पूरी दुनिया में इस रोग के सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। मंजिल ने कहा है कि देशव्यापी विरोध के बाद अंततः सरकार प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने पर सहमत हुई है. विडंबना यह है कि पीएम केयर फंड में करोड़ों – अरबों रुपए जमा हैं और प्रधान मंत्री मोदी इसे मजदूरों पर खर्च करना नहीं चाहते हैं।
केन्द्र और राज्य सरकार के बीच जिम्मेवारी को लेकर फेंका – फेंकी का खेल खेला जा रहा है और पूरा बोझ भुखमरी – बेरोजगारी की मार झेल रहे मजदूरों पर ही डाला जा रहा है।अस्पताल में सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के बजाए केन्द्र सरकार सेना के विमान से अस्पताल आदि जगहों पर फूल बरसाने जैसे शो-बाजी के कार्यक्रम में देश के धन का दुरुपयोग कर रही है एवं 6800 करोड़ रूपये के दो विशेष विमान की खरीद घोर निंदनीय है. इतना ही नहीं, एक ओर पूरे देश में मजदूरों के सामने घोर संकट है तो दूसरी ओर नया पार्लियामेंट भवन बनाने और प्रधानमंत्री आवास बनवाने की भी योजना बना रही है. यह बेहद हास्यास्पद है।
डबल इंजन की तथाकथित सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब दिल्ली-पटना में भाजपा-जदयू की ही सरकार है, तो प्रवासी मजदूरों को वापस लाने में इतनी देर क्यों हो रही है? नीतीश कुमार और सुशील मोदी इसका जवाब दें।कोरोना लॉकडाउन के दरम्यान घर लौटने के दौरान रास्ते में, भूख, आत्महत्या, दुर्घटना, भीड़ हिंसा आदि में अनेक लोगों को जान गवांनी पड़ी है.
लऐसे तमाम मृतक मज़दूरों के परिवारों को पीएम केअर फण्ड से 20-20 लाख रु के मुआवजे देना चाहिए. यह मौत नहीं हत्या है जिसके लिए सरकार जिम्मेवार है।नवीन कुमार ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को 10 हजार लॉक डाउन भत्ता, बिना राशन कार्ड वाले सहित सभी गरीबों को 3 माह का राशन, मारे गए मज़दूरों को 20 लाख का मुआवजा तथाफ मुफ्त में सुरक्षित घर वापसी की गारन्टी की जानी चाहिए।



