छपरा / एकमा –
वैश्विक महामारी के डर से कोई नहीं रखता है अपने घर में
चंद्र प्रकाश राज / वीरेंद्र यादव
छपरा / एकमा – प्रशासनिक लापरवाही व शिथिलता के चलते अग्नि पीडित परिवार खुले आसमान के नीचे जीने को विवश हो रहा है.
वैश्विक महामारी कोरोना के डर से गांव के लोग पीडित परिवार को अपने घरों में शरण नहीं दे रहे है. पीड़ित राजू शर्मा के वृद्ध माता सुशीला कुवर ने बताया कि गांव के कुछ लोग खाने के लिए अनाज दे रहे है.
लॉक डाउन के कारण राजू शर्मा को फिलहाल कोई काम नहीं मिल रहा है. प्रशासन द्वारा आगलगी के एक पखवारे के बाद भी पीडित परिवार को किसी तरह की राहत सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है.
राजू शर्मा ने भावुक होते हुए बताया की आगलगी के दौरान उनकी झोपड़ीनुमा घर समेत घर में रखे अनाज, कपडा, बिछावन आदि जलकर राख हो गए है.उन्होंने बताया की घर के अभाव में उनका परिवार धूप में पेड़ के नीचे, रात्री में खुले आकाश के नीचे और आंधी-पानी के दौरान स्कूल में रहते है.
उल्लेखनीय है की 4 अप्रैल को अचानक आग लग जाने से फुचटी कला गांव के राजू शर्मा का झोपड़ीनुमा घर और उनकी पूरी जलकर राख हो गई थी. गांव के लोगों ने इस दौरान अथक प्रयास कर अन्य घरों को जलने से बचा लिया था.
गांव के श्री भगवान राय, विनय शर्मा, अभिमन्यु यादव,मनबोध शर्मा आदि लोगों के सूचना पर राजस्व कर्मचारी रूद्रकुमार सिंह ने जांच पड़ताल कर प्रतिवेदन अंचल पदाधिकारी को सौप दिया था. जिला पार्षद बेबी देवी के प्रतिनिधि हरेराम यादव ने प्रशासनिक लापरवाही व शिथिलता पर चिंता व्यक्त किया. उन्होंने तत्काल पीड़ित परिवार को आर्थिक सहयोग किया और समाज के प्रवुद्ध लोगों से सहयोग करने का आग्रह किया.
उधर विभिन्न संगठन के लोगों ने जिला प्रशासन से पीडित परिवार को शीध्र राहत उपलब्ध कराने और दोषी पदाधिकारी पर दंडनात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग की है.