मुजफ्फरपुर ::–
मुजफ्फरपुर@ मुजफ्फरपुर में सोमवार को दूरदर्शन के एक पत्रकार की पुलिस ने पिटायी कर दिया। पिटायी के दौरान पत्रकार ने अपना परिचय दिया और पहचान पत्र भी दिखाया। लेकिन उसके बाद भी पुलिस ने एक नही सुनी और पुलिस पिटती रही।
घायल पत्रकार को इलाज के लिये सदर अस्पताल में लाया गया। वरीय पत्रकार अमरेंद्र तिवारी ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ होते हैं। इनके साथ मारपीट की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है।
भारत-नेपाल के पत्रकारों का अंतराष्ट्रीय संगठन मीडिया फ़ॉर बॉर्डर हारमोनी के जिलाध्यक्ष रंजन कुमार एवं उपाध्यक्ष पंकज राकेश ने पुलिसिया कार्रवाई पर आक्रोश व्यक्त करते हुए अविलंब कार्रवाई की मांग किया है।
पीडित से मिलने पहुंचे टाऊन डीएसपी
घटना की जानकारी होने के बाद टाउन डीएसपी दूरदर्शन के अंशकालिक पत्रकार मो.खालिद से मिलने पहुंचे। खालिद से मिलने के बाद टाउन डीएसपी ने कहा कि मामला गंभीर है और इस मामले पर कार्रवाई की जाएगी। बीएमपी कटिहार जिला पुलिस बल का जवान है जिसका नाम प्रमोद और ब्रजेश है। जिसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
घटना से पत्रकारों में आक्रोश
इस घटना के बाद जिले के पत्रकारों में पुलिस के खिलाफ काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। इस घटना को लेकर पत्रकारों ने कड़ी निंदा की है। पत्रकारों के संगठन मीडिया फ़ॉर बॉर्डर हार्मोनी के जिलाध्यक्ष रंजन कुमार, उपाध्यक्ष पंकज राकेश, मुजफ्फरपुर जिला संरक्षक कौशलेंद्र झा, वैशाली जिला संरक्षक मोहन कुमार सुधांशु, वैशाली जिलाध्यक्ष प्रभात कुमार, राकेश कुमार, रोहित रंजन, शशिभूषण सिंह, मनोज कुमार, शिवेन्द्र सिंह, डॉ. टीएन सिंह, चन्दन कुमार, वरुण कुमार, जयकांत त्रिपाठी, विनोद पासवान, अखिलेश कुमार, रामनाथ प्रसाद, मुन्ना कुमार, अरुण कुमार सिंह आदि ने इस घटना की कड़ी निंदा की है।
पत्रकारों ने कहा कि कोरोना कि इस महामारी के बीच पत्रकार अपनी जान हथेली पर लेकर रिपोर्टिंग करते हुए समाज और प्रशासन की मदद कर रहे हैं। इस बीच उनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार बहुत ही घटिया एवं निंदनीय है। त्वरित कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए पत्रकारों ने आगाह किया कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो।