छपरा (सारण) :–
ब्यूरो प्रमुख – चंद्र प्रकाश राज ,
कोरोना लॉक डाउन में भी डिस्टेंश मेंटेनेंश व प्रोपर किट में सेवारत हैं कर्मचारी, विशेष पैकेज की मांग
के. के. सिंह सेंगर के साथ राणा परमार, अखिलेश की रिपोर्ट
सारण जिला ही क्यों पूरे प्रमंडल के पंप संचालकों की आर्थिक स्थिति अब दिनानुदिन दयनीयता की ओर अग्रसर है। कोरोना लॉडाउन जैसी महामारी व संकटकालीन स्थितियों से जूझते हुए पंप संचालक पूरी इमानदारी से सेवा दे रहे हैं।
बहरहाल, पंप संचालकों की समिति ने विशेष पैकेज की मांग की है। जाहिर है कि एनएच 531 सिवान-छपरा सड़क पर एकमा, दारौंदा, रसूलपुर, दाउदपुर, टेकनिवास, छपरा शहर सहित एन एच 19 एनएच, 203 सहित शीतलपुर- परसा, मशरक- मलमलिया, भेल्दी, सोनहों, मकेर, दरियापुर आदि में करीब दर्जनों पेट्रोल पंप सरकारी तंत्र की अहर्निश सेवाएं दे रहे है।
पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य सेवाएं व संचार तंत्र के ईंधन की निर्भरता पेट्रोल पंपों पर ही है। पेट्रोल पंप संचालकों को प्रति दिन 3 हजार रूपये से 5हजार रूपये का घाटा सहना लाचारी बन गई है और यदि कोरोना लॉकडाउन की अवधि और आगे बढ गई है। आगे अब तेल कंपनियां क्या हाथ नहीं खड़ी कर देंगी।
सच तो यह है कि आकस्मिक सेवारत पंप कर्मचारी मास्क, ग्लब्स सहित प्रोपर किट में डिस्टेंश मेनटेन सहित सेवाएं अर्पित कर रहे हैं। अब तो किसानों की निर्भरता पेट्रोल पंपों पर ही है। हार्वेस्टर, ट्रैक्टर डीजल से ही चल रहे हैं। किसनों को तो केंद्र सरकार आर्थिक पैकेज दे रही है।
किंतु पेट्रोल पंप संचालकों को अब तक कोई आर्थिक मदद नहीं दी गई है। पंपों पर नोजल मैन से लेकर अन्य कर्मचारी यदि लॉक डाउन के बहाने घरों में लाॅक अप हो जाएँ तो पंप संचालकों का क्या होगा?
यद्यपि तेल कंपनियों ने पंप कर्मचारियों को एक लाख रूपये का मेडिकल इंश्योरेंस का कवर दिया है। किंतु पंप संचालकों के लिए न तो पैकेज की घोषणा तेल कंपनियां कर पायी है और सरकार। वैसे संक्रमण का खतरा पंप कर्मियों को ज्यादा है।
कई पंप संचालकों का परिवार भयभीत होकर आइसोलेशन में हैं। किन्तु खतरों से खेल रहे पंप संचालकों व पंपकर्मियों के प्रति सहानुभूति व सराहना सहित पैकेज की घोषणा भी समय की मांग है। बहरहाल, टूटती कार्यकारी पूंजी से चिंतित पंप संचालकों ने तेल कंपनियों व सरकार से पैकेज की पुरजोर मांग की है।
इस संबंध मे डीएम सारण से दूरभाषीय संपर्क स्थापित करने की कोशिश की गई। मगर नहीं हो सका। हाँ दिघवारा अंचलाधिकारी प्रवीण कुमार सिंहा ने स्वीकार किया कि पेट्रोल पंप संचालकों का प्रशासन के साथ सहयोग रहा है। पैकेज की बातें उच्च स्तरीय है। लिहाजा, न तो हम कोई आश्वासन दे सकते हैं और न कोई संस्तुति ही कर सकते हैं।