बेगूसराय ::–
26 मार्च 2020
गुरुवार
हत्या या आत्महत्या में उलझी वीरपुर पुलिस इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है कि आखिर यह हत्या था कि आत्महत्या। थाना परिसर में फांसी लगाकर मार दिया गया कि मर गया यह जांच का विषय है, लेकिन अभी तक इस पर से पर्दा नहीं हटा है।
आज इस हत्या या आत्महत्या को लेकर युवा बिग्रेड का संयोजक सह संरक्षक ठाकुर संतोष शर्मा के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल बेगूसराय सदर SDO से मिला और 24 मार्च को विक्रम पोद्दार की थाना में हत्या को आत्महत्या में बदलने का मामला को उठाया और घटना पर कई सवाल उठाते हुए उचित जांच की मांग की।
इन मामलों पर कई पॉइंट पर जिक्र किया गया जिसमें
@ जब लड़की का 164 का बयान कराने बीरपुर थाना प्रभारी बेगूसराय सिविल कोर्ट ले गए तो लड़का को क्यों नही कोर्ट के सामने पेश करने ले गए ?
@ अगर जाँच के नाम पर लड़का को कोर्ट नही ले जाकर थाना में ही रखा गया, तो अभियुक्त को हाजत में रखना चाहिए या थाना के किसी रूम में ?
@ अगर किसी कारण बस दूसरे रूम में रखा गया तो किस सिपाही को लड़के को निगरानी के लिए ड्यूटी दिया गया था। अगर नही दिया गया तो क्यों और अगर दिया गया तो फिर आत्महत्या कैसे ?
@ जिस रूम में अभियुक्त ने खुद को फँसी जैसा मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रभारी बोले, आत्महत्या किया उस रूम के हर जगह और पंखा और गमछी का फिंगरप्रिंट लिया जाए, क्योंकि पंखा पर झूलने में दो मिनट नही लगेगा। जरूर कुछ बक्त लगेगा तो थाना के लोग कहाँ थे ?
@ गाँव मे चर्चा है कि लड़का और लड़की 23 मार्च 6 से 7 बजे शाम को थाना पर, दिल्ली से पकड़ के आ चुका था, तब से 23 तारीख 7 बजे के बाद से लेकर 24 के 11 बजे दिन के अंदर कुछ दबंग लोग के साथ लड़की के पिता के साथ थाना में देखा गया। मैं चाहता हु अगर थाना में कैमरा लगा हुआ है तो 23-3-2020 7 बजे शाम से ले के 24-3-2020 11 बजे दिन का फुटेज देखा जाय। क्या ये लोग वहाँ है अगर वहाँ है तो क्यों हैं। इस पर भी जाँच हो क्योंकि थाना में लड़के के मरने कि खबर के बाद थाना के गाड़ी लड़के के परिजन को सूचना देने आयी ?
(6) आपको बता दे की मृतक विक्रम पोद्दार की माँ नहीं है और इनके पिता और भाई दिल्ली में मजदूरी करता है। और घर पर सिर्फ एक विकलांग भाभी है जो पूरी तरह से असमर्थ है और उसके भाई और पिता दिल्ली में लॉक डाउन के वजह से फसा हुआ है। जो बेगूसराय आने मेंं असमर्थ है, शव का 25 मार्च को पोस्टमार्टम हो गया और शव सदर अस्पताल में सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है।
युवा ब्रिगेड माँग करती है की बेगूसराय प्रशासन मृतक विक्रम पोद्दार के परिजन को दिल्ली से अविलंब बेगूसराय लाने की व्यवस्था किया जाए और शव परिजन को सौपा जाए। ताकि अंतिम दाहसंस्कार किया जा सके। साथ ही थाना में पंचायती करने वाले तमाम लोगो पर सीसीटीवी के मुताबिक और थाना प्रभारी पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो। साथ ही अविलंब गिरफ्तार किया जाए। और परिजन को सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उचित मुआबजा दिया जाए।
युवा ब्रिगेड के संयोजक ठाकुर संतोष शर्मा और अइसा का जिला अध्यक्ष अजय कुमार ने सामूहिक रूप से बयान जारी करते हुए कहा कि बेगूसराय में अब दलितों-पिछड़ो की हत्या आम बात हो चुकी है। आये दिन किसी दलित-पिछड़ा समाज की हत्या टारगेट करके किया जा रहा है और सभी बुद्धिजीवी, दलितो-पिछड़ो के तथाकथित मसीहा खामोश रहते है।
आज बेगूसराय में थाना परिसर में हत्या हो गई। जो बेगूसराय के बहुजन समाज के लिए चिंता का विषय है।अगर थाना में हमारे बच्चे सुरक्षित नहीं तो कहा सुरक्षित ? बेगूसराय का संसद और प्रशासन बताये क्या बेगूसराय में दलित-पिछड़ा होना अपराध हो गया है? हम बहुजनो को बेगूसराय से पलायन कर देना चाहिए ?
अगर समय रहते हम बहजन सचेत नहीं हुए तो आने वाले दिनों में भले कोरोना से बच जाए। लेकिन उससे पहले अपने बच्चों को शव जलाने से फुर्सत नहीं मिलेगी, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा अगर प्रसाशन अविलंब करवाई नही करती है तो हम रोड पर उतारने के लिए बाध्य होंगे।
शिष्टमंडल में युवा बिग्रेड के प्रदेश संयोजक राजकिशोर शर्मा, युवा बिग्रेड के जिला संरक्षक रामाशंकर ठाकुर एवं माले का नगर सचिव राजेश श्रीवास्तव शामिल थे।