नई दिल्ली ::–
न्यूज डेस्क ::–
19 मार्च 2020 गुरुवार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को सबोधित किया. उन्होंने कहा कि कोरोना से निश्चिंत हो जाने की सोच सही नहीं है. प्रत्येक भारतवासी को सजग रहना आवश्यक है. भारतवासियो आपसे जो भी मांगा दिया, आपने निराश नहीं किया. 130 करोड़ देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं. मुझे आपसे आने वाले कुछ सप्ताह, कुछ समय चाहिए.
आज आपसबों से एक और समर्थन मांग रहा हूं.
“जनता कर्फ्यू का”
22 मार्च रविवार को सुबह 07 बजे से रात 09 बजे तक देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है. घर पर ही रहें. 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के अनुभव हमें आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करेंगी।
पिछले 2 महीनों से लाखों लोग, अस्पतालों में, एयरपोर्ट्स पर, दिन रात काम में जुटे हुए हैं. चाहे डॉक्टर हों, नर्स हों, हॉस्पिटल का स्टाफ हो, सफाई करने वाले भाई-बहन हों, एयरलाइंस के कर्मचारी हों, सरकारी कर्मचारी हों… पुलिसकर्मी हों, मीडिया कर्मी हों, रेलवे-बस-ऑटो रिक्शा की सुविधा से जुड़े लोग हों, होम डिलिवरी करने वाले लोग हों, ये लोग, अपनी परवाह न करते हुए, दूसरों की सेवा में लगे हुए हैं. आज की परिस्थितियां देखें, तो ये सेवाएं सामान्य नहीं कही जा सकतीं. आज खुद इनके भी संक्रमित होने का पूरा खतरा है. बावजूद इसके ये अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, दूसरों की सेवा कर रहे हैं.
22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें. रविवार को ठीक 5 बजे, हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें.
संकट के इस समय में आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर, हमारे अस्पतालों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है. इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं उतना बचें.
देश के लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन कोरोना से बचने के लिए खुद को तैयार रखना है. अपने-अपने तरीके से इस वैश्विक महामारी से बचने के लिए प्रयास करना है.
देशवासियों ने संकट में जो बना वह किय़ा है. मुझे विश्वास है हम आगे भी अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहेंगे। देशवासी जरूरी सामना संग्रह करने की होड़ न लगाएं. पहले जैसे ही खरीददारी करें.
प्रधानमंत्री ने उच्च आय वर्ग के लोगों से कहा कि उन लोगों का ध्यान रखें जिनकी सेवाएं लेते हैं. वे दफ्तर न आएं तो उनका वेतन न काटें. उन्हें भी अपना परिवार चलाना है.
कोरोना से देश की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ रहा है. कोविड 19 इकॉनामिक टास्क फोर्स के गठन का निर्णय लिया है. यह आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए कदम उठाने पर अमल करने का काम करेगी.
संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताएं.
दुनिया के जिन देशों में कोरोना वायरस का प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है, वहां शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है. इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है.
आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे. इस तरह की वैश्विक महामारी में एक ही मंत्र काम करता है- “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ”
इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं. लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है.
प्रधानमंत्री मोदी ने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि युद्ध की स्थिति में गांव-गांव में ब्लैकआउट किया जाता था. युद्ध न भी हो तब भी नगर पालिकाएं ब्लैक आउट करवाती थीं, ताकि लोगों की आदत हो. मीडिया, अस्पताल में काम करने वालों के लिए तो निकलना जरूरी है. 60 साल से अधिक आयु के लोग घर से बाहर न निकलें.
अभी तक विज्ञान, कोरोना महामारी से बचने के लिए, कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है. इसलिए प्रत्येक भारतवासी को सजग रहना आवश्यक है. आने वाले कुछ सप्ताह तक जब बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें. जितना संभव हो आप अपना काम अपने घर से ही करें.

