आरा-भोजपुर ::–
बबलू कुमार–
14 मार्च 2020 शनिवार
स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिला प्रशासन भोजपुर एवं आईआईटी पटना के बीच पूर्व में किए गए निर्णय के अनुरूप जल एवं स्वच्छता समिति भोजपुर के द्वारा प्रायोजित यूनिसेफ बिहार के सहयोग से 13 मार्च को ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन संबंधित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ आईआईटी बिहटा में प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग अरविंद कुमार चौधरी एवं जिलाधिकारी भोजपुर रौशन कुशवाहा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस कार्यशाला में बताया गया कि गंदे पानी को विशेष रूप से तैयार जल वनस्पति से साफ किया जाएगा। जिसे संकलित कर आर्द्रभूमि में निकाला जाएगा। इस कचरे को बेचने से जो राशि प्राप्त होगी उससे पंचायत के विभिन्न विकास का कार्य में लगाया जाएगा। यह पायलट प्रोजेक्ट ग्रामीण क्षेत्रों के अनुरूप ही तकनीकी के प्रयोग से बनाया गया है एवं इसमें तकनीकी सहयोग आईआईटी पटना एवं यूनिसेफ द्वारा किया गया है।
जिलाधिकारी भोजपुर ने कहा प्रोजेक्ट प्रारंभ में भोजपुर जिले के तीन पंचायतों दावा, वामपाली एवं नरगदा में शुरू किया गया है। जिसे आईआईटी की टीम ने पूर्व में भी जाकर देख लिया है। लिक्विड कचरे के उपचार के लिए सभी छोटे नालों को एक बड़े नाले से जोड़ा जाएगा एवं इसे विशेष रूप से निर्मित आर्द्रभूमि में निकाला जाएगा।इस गंदे पानी को जीवाणु रहित करने के बाद इसे सिंचाई , मछली पालन इत्यादि कार्यों में उपयोग किया जाएगा।
इस अवसर पर यूनिसेफ के सलाहकार निखिल कुमार ने कहा कि इस कार्य के लिए 10 प्रकार के प्रदूषण सोखने वाले जल वनस्पति चिन्हित किए गए हैं। जिसमें कन्ना इंडिका, फ्रेगमाइट, ग्लाइसेरिया इत्यादि प्रमुख हैं।
प्रशिक्षण सह कार्यशाला में नगर आयुक्त, निदेशक जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, प्रखंड विकास पदाधिकारी , सहायक अभियंता मनरेगा , पंचायत मुखिया सहित कुल 40 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया।