गड़हनी-भोजपुर ::–
बबलू कुमार-
20 फरवरी 2020 गुरुवार
भोजपुर के गड़हनी के पुरानी बनास पुल पर सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन धरना ‘गड़हनी का शाहीन बाग’ में आज नवां दिन में प्रवेश कर गया। दिन भर धरना पर सैकड़ों की संख्या में दलित-गरीब ग्रामीण महिलाएं व गड़हनी की आम-आवाम जमी रही। सभा को सुनने को भीड़ लगी रही।
सभा की अध्यक्षता गड़हनी के भाकपा माले सचिव नवीन कुमार ने किया। भाकपा माले के केन्द्रीय कमेटी सदस्य सह इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंजिल ने अनिश्चितकालीन धरना पर चल रही सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार संवेदनहीनता का रिकॉर्ड तोड़ रही है। वो कह रहे हैं कि सीएए पर पीछे नहीं हटेंगे। जबकि आन्दोलन देश भर में फैलता जा रहा है। चेन्नई में एक बड़ी रैली के माध्यम से तमिलनाडु विधानसभा से सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए राजनीतिक मांग की गई है। केरल , बंगाल , छत्तीसगढ , मध्यप्रदेश , पंजाब आदि ने पहले ही प्रस्ताव पारित कर दिया है।
केन्द्र की सरकार प्रदर्शनकारियों से वार्ता भी नहीं कर रही है। इस कारण सुप्रीम कोर्ट को अपनी ओर से वार्ताकार तय करना पड़ा है ।
अच्छे दिन के वादे के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार ने देश के संविधान पर ही हमला करना शुरू कर दिए एनआरसी, सीएए और एनपीआर जैसे काले कानून को जबरन थोप कर देश की एकता, साझी शहादत – साझी विरासत, गंगा जमुनी तहजीब पर हमला करते हुए देश के अंदर सांप्रदायिक विभाजन कारी, काले कानून के जरिए देश की एकता को तोड़ने व नफरत का जहर घोलने का काम कर रहे हैं। इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई के जरिए गरीबों- मजदूरों, को संगठित करते हुए हम काले कानून को वापस लेने के लिए बाध्य करेंगे।
नवां दिन की पूर्व संध्या पर सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक व वरिष्ठ माले नेता चंद्रदीप सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार इन काले कानूनों पर लगातार भ्रम पैदा कर रहे हैं। उन्होंने संसद में सीएए का समर्थन किया, एन आर सी पर कहा कि इसे लागू करने की जरूरत नहीं है और अगले ही पल एनपीआर लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। नीतीश कुमार जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं अगर एनआरसी के नीतीश कुमार खिलाफ है तो बिहार विधान सभा में प्रस्ताव पारित करने की गारंटी करें।
सभा को इंसाफ मंच के नेता जाकिर हुसैन, मुमताज अंसारी, आइसा नेता उज्ज्वल ने संबोधित किया।
सभा में माले के नेता भीम पासवान , रामायण यादव , रामबाबू सिंह ,श्यामलाल , इंद्रदेव राम , वासुदेव सिंह , इंसाफ मंच के अयुब , ऐपवा की अंजू देवी , पिंकी सहित गड़हनी के सामाजिक कार्यकर्ता असलम , जफर , फैय्याज मास्टर , मो शमीम , मो मकसुद , मो दिलदार , रमजानी कुरैशी , अरमान , मो मुस्लिम आदि शामिल रहे।