बेगूसराय ::–
विजय श्री ::-
01 जनवरी 2020
बुधवार
छात्र संगठन आइसा के कार्यकर्ताओं ने नव वर्ष के पहले दिन नागरिक संशोधन कानून और एनआरसी वापस लेने, आन्दोलनों पर दमन बंद करने और भीम आर्मी चीफ़ चंद्रशेखर आज़ाद सहित जेल में बंद तमाम समाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ताओं पत्रकार, साहित्यकार, रंगकर्मी व छात्र नेताओं को अविलंब रिहा करने, सभी फर्जी मुक़दमे वापस लेने की मांग के साथ शहर में सविधान बचाओ मार्च निकाला।
इस मार्च का नेतृत्व फ़हीम आलम व रैशन देव कर रहे थे। मार्च आइसा जिला कार्यालय से निकल शहर के विभन्न मार्गो से होते हुए आम्बेडकर चौक पहुच बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर संविधान के प्रस्तावना का सामूहिक पाठ किया।
इस मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए आइसा के जिला अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि शान्तिपूंर्ण व लोकतांत्रिक आंदोलनों को मोदी-साह सत्ता के बल पर दबा देना चाहती है। यूपी औऱ दिल्ली में सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय व अपने राजनीतिक विरोधियों पर चौतरफा हमला बोल दिया है।
आज उत्तर प्रदेश को पूरी तरह से पुलिसिया आतंक के हवाले कर दिया गया है। पुलिस घरों में घुस महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार कर रही है। गालियां दे रही है। घरों में लूटपाट और तोर-फोड़ मचा रही है। विशेष समुदाय के बेगुनाहों व उनके समर्थकों को फर्जी मुकदमों में फंसाया जा रहा है। अभी तक 20 से ज्यादा लोग पुलिस की गोली से मारे जा चुके हैं।
वामपंथी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं एवं अन्य प्रगतिशील वह लोकतांत्रिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाला जा रहा है। 21 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया है। दुकाने सील कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुलेआम प्रदर्शनकारियों से बदला लेनी की बात कह रहे है।
सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ उठने वाले आवाज को राज्य दमन से दबाया नहीं जा सकता, यह संविधान और लोकतंत्र विरोधी कानून है। जिसके खिलाफ संविधान बचाने की हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
सभा को संबोधित करते हुए आइसा के जिला सचिव अभिषेक आनंद ने कहा कि जामिया, अलीगढ़, जेएनयू, सहित पूरे देश के छात्रों को भाजपा की सरकार जिस तरह दमन कर रही है यही अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता की याद ताजा कर रही है। एक के बाद एक जन विरोधी असंवैधानिक कानून लाकर देश की सविधान और लोकतंत्र को मोदी सरकार खत्म करना चाहती है। लेकिन देश के छात्र नौजवानों ने देश बचाने सविधान बचाने की लड़ाई लड़ रही है।
गंगा-यमुनी संस्कृति, साझी शहादत, साझी विरासत कि आदर्श की रक्षा की लड़ाई है। दमन के जरिये आवाज दबाया नहीं जा सकता है। आइसा इस दमन और काले कानून के खिलाफ 5 जनवरी के जिले में विशाल मानव श्रखला लगाएगी।
इस मौके पर प्रशांत कश्यप, इरशाद पठान, संकेत कुमार आदि ने भी संबोधित किया।