बेगूसराय ::–
@जेएनयू में चल रहे आंदोलन के समर्थन में आइसा का देशव्यापी प्रदर्शन
विजय श्री ::-
14 नवंबर 2019
गुरुवार
जेएनयू में भारी फीस बढ़ोतरी व आंदोलनरत छात्र-छत्राओं पर बर्बर पुलिसिया दमन के खिलाफ छात्र संगठन आइसा ने अपने पूर्व घोषित देशव्यापी विरोध दिवस के तहत जिला समाहरणालय पर प्रदर्शन किया।
छात्रों का जत्था जुलूस की शक्ल में आंबेडकर चौक स्थित जिला कार्यालय से संगठन के जिला उपाध्यक्ष राजा पटेल व रौशन देव के नेतृत्व में निकल शहर के विभिन्न चौक-चौराहे से होते हुए जिला समाहरणालय के दक्षणी द्वार पर पहुँच प्रदर्शन में तब्दील हो गया। इस बीच छात्र .. मोदी सरकार शर्म करो,जेएनयू पर हमला बंद करो, हॉस्टल मेनुवल ड्रेस कोड और बढ़े हुए फीस वापस लो, विश्वविद्यालय परिसर से सीआरपीएफ को बाहर करो जैसे नारे लगा रहे थे।
इस प्रदर्शन को संबोधित करते हुए आइसा के राज्य उपाध्यक्ष वतन कुमार ने कहा की जेएनयू देश का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जो सबसे सस्ता शिक्षा मुहैया कराता है आज जेएनयू देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय होने के साथ-साथ दुनिया के आकादमिक क्षेत्र में बेहतर उपस्थिति रखता है। ऐसे संस्थान में फ़ीस बढ़ोतरी कर आम, गरीब, कमजोर औऱ पिछड़े पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को शिक्षा से वंचित कर देना चाहती है। सरकार बड़े तेजी से जेएनयू जैसे संस्थान को भी निजी हाथों में सौप देने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने कहा आज देश के तरक्की के लिए बड़ी संख्या में जेएनयू जैसे संस्थानों की जरूरत है लेकिन सरकार इसे भी ध्वस्त करने पर तुली हुई है। यह लोकतंत्र के लिए ठीक नही है। हम देश के ऐसे हर संस्थान को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे। जहाँ बड़े कम पैसे में एक मजदूर का बच्चा उच्य शिक्षा प्राप्त करके देश-विदेश में भारत का नाम रौशन करता है।
मौके पर आइसा के जिला सचिव अभिषेक आनंद ने कहा की देश मे बढ़ रहे बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, गैर बराबरी, अशिक्षा से देश का ध्यान भटकाने के लिए मोदी-अमित शाह की सरकार छात्रों पर सीधा हमला कर रहे हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण व्यवस्था है और यहाँ की कम फीस और सस्ती होस्टल-मेस की व्यवस्था होने के कारण गरीब भी सपना पूरा करने में सफल होते हैं।
इस मौके पर इनौस के मोबस्सीर अहमद, छात्र नेता सलमान राइन, फ़िरोज़ शेख, राजा पटेल, प्रशान्त कश्यप, हाफ़िज़ महमूद, अंकित कुमार, गोपी कुमार, फहीम आलम, ऋषि राम, रजनीश कुमार ने भी अपनी बातें रखी।