मंसूरचक(बेगूसराय) ::-
मिन्टू झा ::-
13 नवंबर 2019
बुधवार
पीएचसी मंसूरचक के डॉक्टर गजाली अनवर हिलाल ने कहा कि दाद, खाज, खुजली, दिनाय का इलाज कम से कम तीन माह तक होना चाहिए। दवा बीच में बंद करने से यह बीमारी पूरी तरह ठीक नहीं हो पाती और फिर पीड़ित को परेशान करने लगती है। केवल मलहम लगाने से दिनाय ठीक नहीं होता है, इसके लिए जरूरी दवाएं भी खानी पड़ती हैं।
चर्म रोग से बचने के लिए अभी के मौसम में सुबह-शाम दोनों समय स्नान करना चाहिए। इसके अलावा हल्के रंग के सूती कपड़ों का इस्तेमाल करना बेहतर होता है। इससे चर्म रोग होने की संभावना कम रहती है।
दिनाय बार-बार होने जाने के संबंध में कहा कि इसका इलाज कम से कम तीन माह तक लगातार होना चाहिए। मलहम के साथ-साथ दवा का सेवन करना भी जरूरी है। दिनाय का एक भी दाना शरीर में रहने पर बीमारी दोबारा हो सकती है। कहा कि फंगल जनित बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि शरीर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। अगर बीमारी हो गई है। तो समुचित इलाज कराएं। पूरे शरीर में लाल-लाल दाने के संबंध में कहा कि यह दिनाय के लक्षण हैं। इसका इलाज किसी चर्म रोग विशेषज्ञ से मिलकर करवा लेना चाहिए।
डॉक्टर गजाली अनबर हिलाल ने कहा कि दिनाय का इलाज परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ करना चाहिए। अगर किसी भी सदस्य की बीमारी छूट गई तो पूरा परिवार दोबारा बीमारी के चपेट में आ सकता है।
एक्जिमा के संबंध में बताया कि इसकी दवाई कम से कम दो साल खानी पड़ती है। बीच में दवा छोड़ने पर यह नुकसानदायक हो सकता है।
चेहरे पर काला दाग के बारे में बताया कि इसके लिए समुचित जांच की जरूरत पड़ती है। किसी स्थानीय चर्म रोग विशेषज्ञ से मिलकर जांच कराएं बीमारी ठीक हो जाएगी। यदि शरीर पर लाल-लाल चकते दिखाए दें तो समझा जाना चाहिए कि यह दिनाय का लक्षण है।