बेगूसराय ::-
विजय श्री ::-
28 सितंबर 2019
शनिवार
भगत सिंह जन्मदिन पर अपने देशव्यापी कर्यक्रम के तहत छात्र संगठन आइसा ने भारी बारिश की प्रवाह किये बगैर छात्र-युवा अधिकार यात्रा निकाल कर जिला समाहरणालय पर प्रदर्शन किया।
सैकड़ो छात्र-छात्राओं का जत्था जुलूस की शक्ल में संगठन के झंडा, बैनर व पोस्टर लिए जे०के० उच्य विद्यालय से निकल ट्रैफिक चौक, नगर थाना, शहीद स्मारक, नगरपालिका चौक होते हुए समाहरणालय के दक्षणी गेट पहुच प्रदर्शन में तब्दील हो गई। जिसका नेतृत्व आइसा के जिला सचिव अभिषेक आनंद व उपाध्यक्ष राजा पटेल ने किया।
प्रदर्शन के दौरान छात्र नफरत नही अधिकार चाहिए शिक्षा और रोजगार चाहिए, आर्थिक मंदी का हल करो रोजगार का प्रबंध करो, भगत सिंह रोजगार गारेंटी योजना लागू करो जैसे गगन भेदी नारे लगा रहे थे।
इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष वतन कुमार ने कहा कि पिछले साढ़े पांच वर्षों में मोदी सरकार की काॅर्पोरेटपरस्त जनविरोधी आर्थिक नीतियों के चलते आज देश की अर्थव्यवस्था एक गंभीर आर्थिक संकट में घिर गई है। मौजूदा आर्थिक संकट में करोड़ों लोग अपनी नौकरियां खो रहे हैं। खत्म होते रोजगारों को रोकने के लिए सरकार कोई कार्यवाही नही कर रही है।
सरकार बड़े पूंजीपतियों को टैक्स में रियायत दे रही है। लेकिन लाखों बेरोजगार भारतीयों के हितों को अनदेखा कर रही है।
जिसके खिलाफ आइसा देश भर में आंदोलन चला रही है।
आइसा के जिला अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार छात्र-युवाओं के साथ विश्वासघात कर रही है। सरकार साल में दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा की थी। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार साल में एक लाख भी नौकरियां नहीं दे पा रही है। उल्टे आईटी सेक्टरों में कर्मचारियों की छटनी की जा रही है। जिसके वजह से पूरा देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर से लेकर बिस्कुट कम्पनियां तक आर्थिक मंदी का शिकार हो चुकी है। उन्होंने कहा बाजार में गति देने के लिये सरकार को रोजगार का प्रबंध करना चाहिये साथ ही आरबीआई से निकाले गये रुपये का उपयोग रोजगार सृजन में लगा क्रय शक्ति को बढ़ाया जाए। इसलिए हमारा संगठन देश में भगत सिंह रोजगार गारेंटी अधिनियम बनाने की मांग कर रहा है, ताकि सभी नौजवानों को रोजगार की गारेंटी हो सके।
मौके पर चन्दा कुमारी, निभा कुमारी, फ़िरोज़ शेख, प्रसांत कुमार, फहीम आलम, अविनाश कुमार, दीपक कुमार, अंकित कुमार, अमन कुमार, रजनीश कुमार शहित दर्जनों लोगों में अपनी बातें रखी।