बछवाडा़ (बेगूसराय):~
राकेश कु०यादव:~
04 अगस्त 2019
शिक्षा विभाग की लापरवाही सामने आई है। समुचे बिहार का बछवाडा़ ऐसा पहला प्रखंड है। जहां के बीईईओ मैडम के शिक्षक जेल चले जाते हैं, और जेल से छुटने के बाद सीधे विद्यालय में ज्वाइन भी कर लेते हैं। बावज़ूद इसके प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी तक के किसी भी पदाधिकारी की हिमाकत नहीं कि उक्त जेल जाने वाले शिक्षक को कारावास अवधि के दौरान सस्पेंड करने की जहमत उठा सके।
जी हां यह वाक्या कहीं और का नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं पुर्व मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह के गृह प्रखंड का है। बछवाडा़ के बिशनपुर पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय चिडै़याटोक दक्षिण भाग युं तो घपले घोटाले को लेकर चर्चा का केन्द्र बना रहता है। मगर इस बार का मामला कुछ खास है।
हुआ युं कि वर्ष 2015 के फरवरी माह में वर्तमान विद्यालय प्रधान कृष्ण मुर्ति प्रसाद यादव ने पुर्व प्रधानाध्यापक यादव से पुर्ण प्रभार लिया। तत्पश्चात विद्यालय प्रधान ने अपने घपले घोटालों के जलवे बिखेरना शुरू किया। इसी क्रम में ग्रामीणों के एक अन्य मुद्दे के मुकदमे में 19 जनवरी 2016 से 04 फरवरी 2016 तक उक्त विद्यालय प्रधान को जेल की हवा खानी पडी़। जेल से निकलने के पश्चात पुनः 07 फरवरी को प्रधानाध्यापक ने विद्यालय में योगदान कर लिया।
अब विद्यालय पोषक क्षेत्र के लोगों ने उक्त विद्यालय प्रधान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पोषक क्षेत्र के लोगों नें पब्लिक पिटिशन के माध्यम से इसकी शिकायत बीडीओ डा० विमल कुमार से की है। साथ हीं जेल अवधि में विद्यालय का प्रभार किस सहायक को दिया गया। कहीं ऐसा तो नहीं कि फर्जी तरिके से आवश्यक कार्य का बहाना बनाकर छुट्टी मंजूर किया गया हो, आदि तथ्यों की भी गहन जांच-पड़ताल करते हुए दोषी लोगों पर विभाग की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग बीडीओ से की है ।