बछवाडा़ (बेगूसराय) :–
@ एक हाथ में पानी भरी बाल्टी, बांस की सीढ़ी के सहारे शौचालय जाना मजबूरी
@पदाधिकारियों के उदासीनता के कारण लोहिया स्वच्छता अभियान साबित हो रहा असफल
राकेश कु०यादव :~
01 अगस्त 2019
जब आपको शौच जाना हो और 20 फीट की ऊंचाई पर बने शौचालय में बांस की सीढ़ियों के सहारे एक हाथ में पानी भरी बाल्टी के साथ जाने को कहे तो उस समय आप की स्थिति क्या होगी यह खुद अनुमान लगा सकते हैं।
यह वाकया प्रखंड मुख्यालय के रानी एक पंचायत के वार्ड संख्या 10 स्थित दलित वस्ती की है। जहां तीन युनिट अजूबा शौचालय का निर्माण कराया गया है।
जिसमें शौच करने जाने हेतु पानी लेकर बांस के सहारे दस से पंद्रह फिट की उंचाई का सफर तय करना पड़ता है। माजरा यह है कि शौचालय निर्माण हेतु जन जागृति के क्रम में प्रखंड कर्मीयों ने इस मुहल्ले के लोगों को नाकों दम कर दिया था। उसी समय में दलित मुहल्ले की मीना देवी पति सुनील मल्लिक, चमचम देवी पति सिकंदर मल्लिक एवं मीरा देवी पति शंकर मल्लिक असमर्थता जाहिर करते हुए उपलब्ध जमीन में दस से पंद्रह फिट गहरे गड्ढे होने की बात बताई।
मगर फिर भी कर्मीयों नें निर्माण कार्य कराने हेतु दबाव कायम रखते हुए निर्माण कार्य कराया। उपरांत गड्ढे भराई हेतु मनरेगा से मिट्टी भराई का अश्वासन दिया। तत्पश्चात उपरोक्त लाभार्थियों नें महाजनों से कर्ज लेकर करीब एक लाख रूपए की लागत पर तीनों लाभुकों ने छ:माह पुर्व निर्माण सम्पन्न करा लिया। इसके बावजूद अबतक लोहिया स्वच्छता अभियान के अंतर्गत दिए जाने वाले बारह हजार रूपए से भी वंचित हैं। इतना हीं नहीं प्रखंड कर्मीयों के अश्वासन के अनुसार लाभार्थियों नें शौचालय निर्माण निर्मित भूमि पर मिट्टी भराई हेतु कई बार बीडीओ बछवाडा़ से मिलने पहुंची, मगर हर बार नतीजा ढाक के तीन पात रही।
गौरतलब है कि दलित, महादलित एवं सभी बीपीएल परिवारों को मनरेगा अंतर्गत निजी भूमि पर गड्ढे की भराई किऐ जाने का प्रावधान है लेकिन लाभुक कई बार प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत मनरेगा कार्यालय का चक्कर लगाते लागाते थक चुके है लेकिन आज तक कोई पदाधिकारी इस पर कोई ध्यान नही दिया।
लाभुक चमचम देवी के पति पूर्व वार्ड सदस्य शंकर मल्लिक ने बताया रानी एक पंचायत को ओडीएफ घोषित किये जाने के नाम पर जल्दबाजी में जनप्रतिनिधि के दबाब में कर्ज लेकर शौचालय का निर्माण करा लिए। लेकिन खाता में अभी तक रुपया डाला नही गया है। जिस कारण करीब छः माह से प्रखंड कार्यालय से लेकर बैंक का चक्कर लगा रहे है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में 15 फिट बांस की सीढ़ी सहारे शौच के लिए जाना पड़ता है। अगर समय रहते मनरेगा से मिट्टी भराई का काम नहीं किया गया तो वर्षात में तैरकर शौच के लिए जाना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हम पुरुष लोग सीढ़ी के सहारे एवं पानी में तैरकर भी शौचालय का उपयोग कर लेगे लेकिन घर के बच्चे और महिलाओ को खुले में शौच करने की विवशता बनी रहेगी।
इस प्रकार पदाधिकारियों की उदाशीनता के कारण लोहिया स्वच्छता अभियान असफल साबित हो रही है।
प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ विमल कुमार ने बताया कि मिट्टी भराई का काम मनरेगा विभाग का है। उन्होंने बताया कि शौचालय की राशि लाभुक के खाते में जल्द भेज दिया जायगा।
रानी एक पंचायत के पंसस सदस्या प्रतिमा कुमारी ने बताया कि गड्ढे में मिट्टी भराई हेतु मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिट्टीकारण की समस्याओं से अवगत कराया मगर अधिकारी द्वारा कोई पहल नहीं किया गया है।
मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी मिलन कुमार ने बताया कि मामला हमारे संज्ञान में नहीं है जाँच के बाद करवाई की जायगी।