पटना / मुंगेर ::-
@ मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना’ की किया शुभारंभ –
प्रेम कुमार ::-
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना’ के तहत डी.बी.टी. के माध्यम से लाभार्थियों को भुगतान का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग को बधाई देता हूॅ कि 01 मार्च से ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना’ की शुरुआत की गई थी, जिसकी राशि का भुगतान आज से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले से बी.पी.एल. परिवारों को वृद्धा पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा था। विधवा पेंशन, दिव्यांगजनों को पेंशन जैसी अनेक योजनाएं चलायी जा रही थीं लेकिन 60 वर्ष से ऊपर के सभी वृद्धजनों चाहे स्त्री हो या पुरुष जिन्हें केंद्र या राज्य सरकार से कोई वेतन, पेंशन, पारिवारिक पेंशन या सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त नहीं हो रहा है, उन्हें इसका लाभ देने की हमलोगों ने योजना बनायी और इसे लागू कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इससे
वृद्धजनों का अपने परिवार में सम्मान बढ़ेगा और उनकी कुछ जरुरतें भी पूरी होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लॉक स्तर के अधिकारी गांव-गांव जाकर लोगों को इसकी जानकारी दें, अधिक
से अधिक संख्या में आवेदन भरवाएं। समाचार पत्रों, टेलीविजन, रेडियो, सोशल मीडिया आदि
के द्वारा इसका प्रचार करायें। उन्होंने कहा कि लोक सेवा केंद्र पर आवेदन तो भरे ही जा रहे हैं।
अब मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना से संबंधित आवेदन भी ऑनलाइन भरे जायेंगे। इसके माध्यम से जल्द से जल्द उनके खाते में सीधे पैसे भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंकलन से पता चलता है कि 35 से 36 लाख ऐसे लोग होंगे जिन्हें इस योजना का लाभ मिलना चाहिये। हर वर्ष राज्य सरकार की तरफ से 1800 करोड़ रुपए इस संबंध में अतिरिक्त व्यय होंगे। अभी तक जो दो लाख आवेदन प्राप्त हुए थे उसमें से वेरीफिकेशन होने के बाद 1 लाख 35 हजार 928 लोगों के खाते में आज पैसा चला गया है। इसमें मार्च और अप्रैल महीने का भुगतान शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2007 में कानून लाया गया था कि वरिष्ठ नागरिकों एवं अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। कुछ लोग ऐसी मानसिकता के होते हैं कि अपने माता-पिता एवं वरिष्ठों की चिंता नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्होंने जन्म दिया, जिस माता-पिता ने जीवन जीने का अवसर दिया, ऐसे माता-पिता की उपेक्षा करना ठीक नहीं है। जो अपने माता-पिता की उपेक्षा करेंगे उन पर अब कानूनी कार्रवाई होगी। इसके लिए एस.डी.ओ. के यहां जो भी माता-पिता आवेदन करेंगे। वहां दोनों पक्षों को सुनकर उस पर फैसला होगा और इस फैसले को अमल में लाना होगा। अगर वृद्धजनों का फिर भी आदर नहीं होगा तो जिलाधिकारी के यहां अपील किया जायेगा और जिलाधिकारी 30 दिन के अंदर फैसला देंगे और फिर अगर उपेक्षा करेंगे तो उन पर त्वरित कार्रवाई कर फैसले के मुताबिक सजा मिलेगी।
सरकार के इस निर्णय की बाहर के राज्य भी प्रशंसा कर रहे हैं और इस संबंध में हम लोगों से जानकारी मांग रहे हैं।