वीरपुर :: बेगूसराय ::–
धर्मेंद्र कुमार ::–
अंहकार एवं द्वेष का परित्याग करे मानव। अंहकार मानव के विकास का सबसे बड़ा शत्रु है। यह बाते सूरत स्थित सिद्ध हनुमान पीठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी रामसेवक दास उर्फ त्यागी बापू ने वीरपुर प्रखंड के नौला गांव मे आयोजित ग्यारह दिवसीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ मे श्रध्दालुओ को संबोधित करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि परमात्मा की अराधना अंहकार व राग द्वेष से रहित होकर करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही समाज मे उन्नति व परिवार मे सुख शांति एवं वैभव की वृद्धि होती है।
नौला गांव हमारी जन्म भूमि है। यहां प्रगति और अध्यात्मिक चेतना पैदा करने के उद्देश्य से ही महायज्ञ का आयोजन किया गया है।
अयोध्या के कथावाचक आचार्य मुकेश दास शास्त्री ने वामन अवतार व भगवान राम के जन्म की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि धरती पर पाप का अनाचार के बढने पर भक्तो के कल्याण के लिए परमात्मा अवतार लेते हैं।
मथुरा वृन्दावन के संत शालिग्राम दास ने मानस की व्याख्या विस्तार से की। कथा वाचन का सफल संचालन मदन दास ने की।
इससे पूर्व सुबह के महायज्ञ के सत्र मे आचार्य धर्मवीर शास्त्री ने हजारो यजमान श्रद्धालुओ को 108 वैदिक विद्वानों के सहयोग से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यग कराया।
महायज्ञ मे आचार्य सूरदास, अमित शास्त्री समेत कई श्रध्दालुओ की भूमिका सराहनीय रही।