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लोकतंत्र को बचाने के संघर्ष में वामदलों को नयी ऊर्जा देने के लिए, पार्टी को दृढ़ता से काम करना होगा – माले

बेगूसराय ::–

चारू ग्राम उत्क्रमित मध्य विद्यालय (नागदह ) के प्रांगण में भाकपा माले कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के द्वारा नक्सलबाड़ी दिवस मनाया गया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिवक्ता प्रदीप दास ने की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माले जिला सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए की भारी जीत के साथ मोदी सरकार की फिर से वापसी हुई है। लेकिन जिस तरह से यह जीत हासिल की गयी है। उससे भारतीय लोकतंत्र के भविष्य के लिए चिन्ताजनक परिणाम होंगे। 2014 के चुनावों के उलट इसबार मोदी ने विकास के नाम पर तो दिखावे के लिए भी वोट नहीं मांगा।
इसबार बिना किसी शर्म के सीधे साम्प्रदायिक, घृणा, अभियान और युद्धोन्माद के नाम पर वोट मांगे गए। यहाँ तक कि आतंकवाद की आरोपित प्रग्या सिंह ठाकुर को न सिर्फ प्रत्याशी बनाया गया, बल्कि भाजपा के चहरे के रूप में पेश किया गया।

कानून व्यवस्था, सामाजिक न्याय और साम्प्रदायिक सौहार्द के खिलाफ व्यवस्थित अभियान चला रही ताकतें इस जीत के साथ और भी उन्मादी हो जायेंगी। साथ ही कई राज्य सरकारों की स्थिरता को भी खतरा पैदा हो गया है।

ये चुनाव ऐसे माहौल में हुए जिसमें पिछले पांच सालों से लोकतांत्रिक संस्थाओं पर लगातार हमला हो रहा था, भीड़ द्वारा घेरकर की जाने वाली हत्याओं की बाढ आयी हुई थी, दलितों आदिवासियो और मुसलमानों पर हमले बढे हुए थे और विरोध की आवाज उठाने वाले को व्यवस्थित तरीके से निशाना बनाया जा रहा था और हत्याये तक की जा रही थी।

प्रेस की आजादी तक समाप्त कर दिया गया। भाजपा / आर एस एस के झूठ और घृणा के प्रचार अभियान का अंग बन गया। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में लोगों का बढता मोहभंग और बदलाव की आकांक्षा साफ दिखाई पड़ी थी। लेकिन बढती बेरोजगारी खेती के संकट और अर्थव्यवस्था के बढते संकट को दबाने के लिए भाजपा द्वारा पुलवामा और बालाकोट का जिस तरह इस्तेमाल किया गया। उसने चुनाव परिणामों को काफी हद तक प्रभावित किया। पूरी चुनावी प्रक्रिया की साख और पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।

संदिग्ध चुनावी बॉण्ड से लेकर ईवीएम के बारे में बढते संदेह और वी वी पैट का वोटों के साथ मिलान से इंकार के बीच भारत का चुनाव आयोग जनता को यह विश्वास दिलाने में नाकाम रहा।

कार्यक्रम में फागो तांती के हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग के साथ ही मो0 मासूम पर हमले की निंदा की गई।

इस कार्यक्रम में भाकपा माले के जिला सचिव दिवाकर कुमार, चन्द्र देव वर्मा, राजेश श्रीवास्तव, इन्द्र देव राम, कैलाश महतो, सुरेश पासवान बलराम सिंह, रंजीत कसेरा, अकलू तांती भाकपा के टुनटुन दास समेत पार्टी कार्यकर्ता शामिल थे।

By National News Today

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